आयोजकों ने दी जानकारी,संस्कारधानी में आध्यात्मिक समागम: 2 जनवरी को शुभारम्भ,जुटेंगे 12 देशों के प्रतिनिधि
जबलपुर। मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी और 'संस्कारधानी' के रूप में विख्यात जबलपुर एक बार फिर वैश्विक आध्यात्मिक पटल पर चमकने के लिए तैयार है। शहर में 2 से 4 जनवरी तक 'चौथी वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस' का भव्य आयोजन होने जा रहा है। इस तीन दिवसीय आयोजन में न केवल भारत, बल्कि दुनिया के 12 अलग-अलग देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे, जो रामायण की प्रासंगिकता और इसके वैश्विक प्रभाव पर अपने गहन शोध प्रस्तुत करेंगे। आयोजन की जानकारी पूर्व मंत्री अजय विश्नोई, ज्ञानेश्वरी दीदी,महापौर जगत बहादुर सिंह व डॉ. अखिलेश गुमाश्ता द्वारा दी गयी।
युवा पीढ़ी को रामचरित से जोड़ने का अभिनव प्रयास
इस कॉन्फ्रेंस का मुख्य उद्देश्य आधुनिक दौर की युवा पीढ़ी को रामायण के आदर्शों और जीवन मूल्यों के प्रति प्रेरित करना है। आयोजकों का मानना है कि वर्तमान समय में रामायण की शिक्षाएं युवाओं को सही दिशा दिखाने में मील का पत्थर साबित हो सकती हैं। यह समागम साहित्य, संस्कृति और आध्यात्मिकता का एक दुर्लभ संगम होगा, जहाँ रामायण के विभिन्न पहलुओं पर विद्वान अपने विचार साझा करेंगे।
संतों और वैश्विक विभूतियों का सानिध्य
कार्यक्रम में आध्यात्मिक जगत की बड़ी हस्तियों का आगमन हो रहा है। तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज की गरिमामयी उपस्थिति इस आयोजन का मुख्य आकर्षण होगी। इसके साथ ही नेपाल के प्रसिद्ध जानकी महल से रामरोशन दास जी महाराज भी विशेष रूप से शिरकत करेंगे। संतों का यह समागम शहर के वातावरण को पूरी तरह राममय बना देगा।
आर्ट गैलरी बनेगी मुख्य आकर्षण
सम्मेलन में केवल बौद्धिक चर्चाएं ही नहीं, बल्कि कला का भी अद्भुत प्रदर्शन होगा। यहाँ एक विशाल आर्ट गैलरी तैयार की जा रही है, जिसमें देश भर के ख्याति प्राप्त कलाकार रामायण के विभिन्न प्रसंगों को अपनी कलाकृतियों के माध्यम से जीवंत करेंगे। आयोजकों ने कार्यक्रम की पूरी रूपरेखा साझा करते हुए बताया कि संस्कारधानी के लिए यह गौरव का क्षण है, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोधकर्ता और आध्यात्मिक गुरु एक ही मंच पर जुटेंगे।
