बताया जा रहा है कि अस्पताल की एक महिला कर्मचारी जब टॉयलेट गई और फ्लश किया तो पानी नहीं उतरा। शक होने पर उसने अंदर झांककर देखा तो नवजात का हाथ और सिर दिखाई दिया। घबराकर उसने तत्काल अस्पताल प्रबंधन को सूचना दी। प्रबंधन ने एएनसी, पीएनसी कक्ष व लेबर रूम में जांच की, लेकिन वहां ऐसी कोई महिला नहीं मिली। जिसकी हाल ही में डिलीवरी हुई हो और वह बिना बच्चे के मौजूद हो। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। नगर पालिका कर्मचारियों और अस्पताल स्टाफ की मदद से टॉयलेट तोडऩे का काम शुरू किया गया, लेकिन नवजात का शव कमोड में बुरी तरह फंसा होने के कारण निकालने में काफी परेशानी हुई। आखिरकार रात 9 बजे शव बाहर निकाला जा सका। पुलिस का कहना है कि आशंका है कि ओपीडी के समय कोई गर्भवती महिला जांच के लिए अस्पताल आई थी। इसी दौरान टॉयलेट में ही डिलीवरी हो गई। बच्ची के जन्म के बाद साक्ष्य छिपाने के इरादे से नवजात को कमोड में डालकर फ्लश करने की कोशिश की गई और महिला या उसके परिजन मौके से फरार हो गए। अब पुलिस अस्पताल में आए मरीजों, सीसीटीवी फुटेज और रजिस्टरों की जांच कर रही है। ताकि संबंधित महिला की पहचान की जा सके। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर जांच शुरु कर दी गई है।
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