जबलपुर। स्मार्ट सिटी के अफसरों का ऐसा स्मार्ट खेल चल रहा है, जिसमें सेवा समाप्ति के बाद भी अपने चहेतों को उपकृत किया जा रहा है। करीब आठ माह से गद्दी पर आसीन अफसर को हर माह लाखों की पगार मिल रही है, जो पद पर बैठकर विभागों को गोलमोल और भ्रामक जानकारी दे रहे हैं। ऐसे हालात में स्मार्ट सिटी की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आ रही है।
शहर की खूबसूरती बढ़ाने वाले स्मार्ट सिटी के अफसरों की लचर कार्यशैली और उदासीनता सामने आ रही है, जहां कार्यालय के हार्डडिस्क कांड, कन्वेंशन सेंटर में चोरी जैसे मामले सामने आए हैं, जिन पर पर्दा डाल दिया गया है। इन मामलों में सिर्फ खानापूर्ति कर दी गई। मौजूदा हालात में ऐसा मामला प्रकाश में आ रहा है, जिसमें अप्रेल में 11 कर्मचारियों की सेवा समाप्ति का नोटिस दिया गया। नोटिस के बाद भी की पोस्ट पर ऐसे कर्मचारी थे, जिनकी गद्दी नहीं छूटी। अन्य कर्मचारियों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उन कर्मचारियों को अदालत से राहत मिली थी।
पीएफ को गुमराह कर रहा कंपनी सेक्रेटरी
ईपीएफ संबंधी जानकारी लेने स्मार्ट सिटी आए जिम्मेदार अफसर को कंपनी सेक्रेटरी कैलाश भाटी गुमराह कर रहा है, जबकि भाटी की सेवाएं 1 अप्रेल 25 को विधिवत समाप्त की जा चुकी है। गौरतलब है कि भविष्य निधि में स्मार्ट सिटी लिमिटेड में 8 सालों से काम कर रहे संविदा कर्मचारियों के पीएफ की राशि जमा ही नहीं की है, जबकि पीएफ जमा करने के लिए कई बार पीएफ कार्यालय अल्टीमेटम दे चुका है। जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को 22 अगस्त 2025, 25 सितंबर 2025 एवं 10 अक्टूबर 2025 को क्रमशः तीन कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। तीन नोटिस के बाद भी स्मार्ट सिटी से कोई जवाब-तलब नहीं किया गया था। मामले में सेक्रेटरी गुमराह कर रहे हैं।
- नोटिस के बाद कुछ लोग अदालत चले गए थे, जहां से उन्हें स्टे मिला है। इसे देखते हुए स्मार्ट सिटी प्रबंधन ने दिए गए नोटिस पर कोई फैसला नहीं लिया है। सभी यथावत काम कर रहे हैं।
रवि राव, प्रशासनिक अधिकारी, स्मार्ट सिटी

