सुरक्षा और संचालन में निरंतर सुधार दर्ज
जबलपुर। मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी (एमपी ट्रांसको) द्वारा सबस्टेशनों में रात्रिकालीन औचक निरीक्षण की शुरू की गई पहल अब बेहद प्रभावी सिद्ध हो रही है। निरीक्षणों के बाद आउटसोर्स कर्मचारियों की सजगता बढ़ी है और सबस्टेशन संचालन में लापरवाही के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है। इस व्यवस्था ने न केवल सुरक्षा को मजबूत किया है बल्कि यार्ड संचालन की दक्षता भी बढ़ी है।
रात्रि निरीक्षण से सुरक्षा हुई मजबूत
यह पहल पूर्व मुख्य अभियंता प्रवीण गर्ग के कार्यकाल में तब शुरू की गई थी, जब न्यूट्रल पॉइंट से जुड़ी अत्यंत संवेदनशील तांबा स्ट्रिप और आईसोलेटर कॉपर ब्लेड चोरी होने की घटनाएँ सामने आ रही थीं।
सुरक्षा सुदृढ़ करने के लिए अधिकारियों को निर्देश है कि हर निरीक्षण की फोटो–वीडियो रिपोर्ट विभागीय व्हाट्सऐप ग्रुप में भेजें। इस पारदर्शी प्रक्रिया से स्टाफ में अनुशासन और अलर्टनेस बढ़ी है। चोरी की घटनाएँ पूरी तरह थम चुकी हैं और सबस्टेशन सुरक्षा तंत्र अब पहले से ज्यादा मजबूत दिखाई दे रहा है।
तकनीकी लाभ,रात में दिखते हैं छिपे फॉल्ट
रात्रिकालीन यार्ड निरीक्षण तकनीकी रूप से अत्यंत लाभकारी साबित हो रहा है। अंधेरे में उपकरणों की चमक, आर्किंग, असामान्य आवाज़ और गर्मी जैसे संकेत आसानी से दिख जाते हैं, जो दिन में सामान्य रूप से पकड़ में नहीं आते। इन निरीक्षणों से संभावित फॉल्ट समय रहते पहचान में आ रहे हैं और अचानक ब्रेकडाउन की घटनाएँ कम हुई हैं। इंस्पेक्शन के दौरान अधिकारी आउटसोर्स कर्मियों को यार्ड निरीक्षण की बारीकियाँ सिखा रहे हैं, जिससे उनकी तकनीकी क्षमता भी बढ़ रही है। जूनियर इंजीनियर से लेकर अतिरिक्त मुख्य अभियंता तक सभी को नियमित औचक निरीक्षण का पालन अनिवार्य किया गया है। एमपी ट्रांसको की यह पहल बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता, सिस्टम की स्थिरता और सबस्टेशन संचालन गुणवत्ता में निरंतर सुधार ला रही है, जिसका लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँच रहा है।
