देवास। एमपी के देवास में शराब ठेकेदार महेश मकवाना की खुदकुशी के 27 दिन बाद एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें मकवाना ने आरोप लगाया कि सहायक आबकारी आयुक्त मंदाकिनी दीक्षित हर माह 7.50 लाख रुपए की घूस मांग रही थीं। तनाव के चलते मकवाना ने आत्महत्या का निर्णय लिया।
वीडियो वायरल होते ही मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर मंदाकिनी दीक्षित को सस्पेंड कर दिया। वाणिज्यिक कर विभाग ने कहा कि आरोप प्रथम दृष्टया गंभीर हैं और सिविल सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन हैं। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय आबकारी आयुक्त ग्वालियर रहेगा। सीएम श्री यादव ने कहा कि वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए तत्काल कार्रवाई की गई है और आरोपी अधिकारी के खिलाफ जांच जारी है। यह मामला प्रथम दृष्टया गंभीर श्रेणी का है। ऐसा पहली बार सामने आया है कि जब किसी शराब ठेकेदार ने रिश्वत की मांग का आरोप लगाते हुए आत्महत्या की है। यह घटना आबकारी विभाग के लिए गंभीर चेतावनी है। जांच में आरोपी अधिकारी की भूमिका और अन्य संभावित लापरवाहियों का पता लगाया जा रहा है।
पहले भी लग चुके है महिला सहायक आबकारी आयुक्त पर आरोप-
देवास जिले में कुल 69 एकल मदिरा समूह हैं। अप्रैल में 7 ऐसे समूह थेए जहां लाइसेंस मिलने के बाद भी ठेकेदारों ने अपना ठेका छोड़ दिया। आबकारी विभाग अब यह जांच कर रहा है कि ठेकेदारों ने अपने ठेके क्यों छोड़े। गौरतलब है कि वर्तमान में मंदाकिनी दीक्षित देवास में तैनात थीं। इससे पहले वह नरसिंहपुर और शाजापुर में भी रही। वहां पर भी मंदाकिनी दीक्षित के खिलाफ ठेकेदारों की शिकायतें मिली थीं, लेकिन उस वक्त कोई कार्रवाई नहीं हुई।