जबलपुर। राज्य सरकार के लागू लैंड पुलिंग कानून को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच जारी गतिरोध अब टकराव की ओर बढ़ गया है। भारतीय किसान संघ ने साफ चेतावनी दी है कि यदि सरकार 7 दिनों के भीतर इस कानून को पूर्ण रूप से निरस्त करने का गजट नोटिफिकेशन जारी नहीं करती, तो दिसंबर के अंतिम सप्ताह में प्रदेशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। यह निर्णय बुधवार को आयोजित प्रदेश कार्यकारिणी की ऑनलाइन बैठक में लिया गया, जिसमें अखिल भारतीय स्तर के अधिकारी भी शामिल हुए।
निरस्तीकरण की घोषणा की, फिर भी निकला ‘संशोधन’
बैठक में किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने कहा कि सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों से विस्तृत चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने स्वयं घोषणा की थी कि सिंहस्थ क्षेत्र से लैंड पुलिंग कानून निरस्त किया जाएगा। लेकिन आश्चर्य यह कि निरस्तीकरण के बजाय संशोधन आदेश जारी कर दिया गया। उन्होंने प्रश्न किया कि अधिकारियों की ऐसी क्या मंशा थी कि सीएम की घोषणा बदलकर ‘संशोधन’ का रास्ता अपनाया गया? किसान संघ ने इसे किसानों के साथ धोखा बताते हुए कहा कि सरकार स्पष्ट करे कि सिंहस्थ आयोजन से जुड़े अधिकारियों के कौन से निजी हित इस कानून से जुड़े हैं।
-ये हैं संघ को मांगें
संघ की मांग है कि टीडीएस की धारा 8/9/10/11 के गजट नोटिफिकेशन तुरंत रद्द हों,सिंहस्थ क्षेत्र में स्थायी निर्माण बंद किया जाए व किसानों पर दर्ज सभी प्रकरण वापस लिए जाएँ। बैठक में विभिन्न प्रांतों के पदाधिकारियों ने किसानों की मौजूदा समस्याओं पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की। खाद की कमी, मक्का की एमएसपी पर खरीदी न होना, प्याज के कम दाम, रात में बिजली सप्लाई, और धान खरीदी केंद्रों की संख्या कम होने जैसे मुद्दे प्रमुख रहे। किसान संघ ने माँग की कि प्याज और मक्का उत्पादक किसानों को तत्काल राहत राशि देकर नुकसान की भरपाई की जाए। बैठक में अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री गजेन्द्र सिंह, उपाध्यक्ष रामभरोस वासोतिया, भूमि अधिग्रहण आयाम प्रमुख प्रमोद चौधरी, प्रदेश महामंत्री चंद्रकांत गौर सहित तीनों प्रांतों के अध्यक्ष–महामंत्री मौजूद रहे। किसान संघ ने प्रांत, जिला और तहसील स्तर पर आंदोलन की तैयारी के लिये बैठकों के आयोजन के निर्देश जारी कर दिए हैं।
