बेटे के सामने पिता की गर्दन काटकर हत्या, बीच बचाव करने पर मां को भी मारी कुल्हाड़ी,

 

हरदा। एमपी के हरदा के छीपाबड़ स्थित लोनी गांव में जमीनी विवाद के चलते किसान की कुल्हाड़ी से हमला कर गर्दन काट दी गई। पति पर हमला होते देख पत्नी बीच बचाव करने आई तो उसपर भी हमला किया गया। जिससे महिला के शरीर पर भी चोटें आई, जिन्हे अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पर हालत अत्यंत गंभीर बनी हुई है। अपनी आंखों के सामने हुए घटनाक्रम के बाद से बेटे ने पुलिस को सारा घटनाक्रम बताया। बेटा शिवम द्वारा आरोपियों को रोकने की कोशिश की लेकिन वे किसी भी सुनने तैयार नहीं थे। पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। 

                             पुलिस अधिकारियों के अनुसार लोनी गांव छीपाबड़ में शिवनारायण का पड़ोसी करणसिंह से जमीन को लेकर करीब पांच साल से विवाद चल रहा है। विवाद के चलते करणसिंह हर वक्त बदला लेने की फिराक में रहता था। शाम 5 बजे के लगभग शिवनारायण अपनी पत्नी राधा के साथ खेत पर पूजा करके घर के निकले। रास्ते में घात लगाकर बैठे पड़ोसी करण सिंह, उसका बेटा राहुल व बहू मनीषा शिवनारायण पर हमला कर दिया। पति पर हमला होते देख पत्नी राधा चीखते हुए बचाने दौड़ी तो उनपर भी वार कर दिया। माता-पिता पर हमला होते देख शिवम ने बीच बचाव करने का प्रयास किया तो उसे भी पीटा दिया। इसके बाद वह मदद के लिए दौड़कर गांव में गया और लोगों को घटनाक्रम की जानकारी दी। हमले की खबर मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए, जिन्होने घायल महिला को जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां पर हालत को देखते हुए डाक्टरों ने भरती कर लिया है। वहीं पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। 

मृतक के भाई का आरोप, पुलिस आकर लौट गई थी-

मृतक के बड़े भाई श्याम सिंह चौहान ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि घटना के बाद डायल-112 को सूचना दी गई थी। पुलिस गांव पहुंची भी थी लेकिन गांव के कुछ लोगों ने ऐसी कोई घटना न होने की जानकारी दी। जिसपरपुलिस वापस लौट गई। 

परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा, आरोपियों का घर गिराने की मांग- 

घटना को लेकर मृतक शिवनारायण चौहान के परिजनों ने जिला अस्पताल में हंगामा किया। वे आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाने की मांग पर अड़े रहे। बेटा शिवम अधिकारियों से न्याय मांगता रहा। मौजूद लोगों और परिजन ने कहा कि जब तक आरोपियों के घर पर बुलडोजर नही चलता वो शव को नही ले जाएंगे। इसके बाद एसडीओपी शालिनी परस्ते और एसडीएम अशोक डेहरिया ने परिजनों को समझाइश दी। बाद में शव को ले जाने पर राजी हुए। 


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