
नई दिल्ली. हवाई यात्रा की सुरक्षा को लेकर एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है कि दिल्ली एयरपोर्ट पर साइबर अटैक हुआ था। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने सदन को बताया कि हैकर्स ने विमानों के नेविगेशन सिस्टम में सेंध लगाने की कोशिश की थी।
मंत्री राम मोहन नायडू ने जानकारी दी कि यह घटना 10 नवंबर को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (आईजीआई) एयरपोर्ट पर घटी थी। उस दिन विमानों के जीपीएस सिग्नल के साथ छेड़छाड़ की गई थी। तकनीकी भाषा में इसे जीपीएस स्पूफिंग कहा जाता है। इसमें हैकर्स असली जीपीएस सिग्नल की जगह नकली सिग्नल भेजते हैं, जिससे पायलट को विमान की सही लोकेशन और दिशा का पता लगाने में दिक्कत होती है।
7 एयरपोर्ट थे निशाने पर
सरकार के खुलासे ने सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं। मंत्री ने बताया कि यह हमला सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं था, बल्कि दिल्ली और कोलकाता समेत देश के कुल 7 हवाई अड्डों पर इस तरह के साइबर अटैक की कोशिश की गई थी। इस दौरान सिस्टम को जाम करने और सिग्नल में गड़बड़ी पैदा करने के प्रयास किए गए।
सुरक्षा पर बड़ा सवाल
जीपीएस स्पूफिंग विमान सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा माना जाता है। अगर पायलट गलत सिग्नल को सही मान ले, तो विमान रास्ता भटक सकता है या किसी दूसरी चीज से टकरा सकता है। सरकार ने संसद में यह बात मानकर स्पष्ट कर दिया है कि हवाई सुरक्षा के सामने अब डिजिटल खतरे भी मंडरा रहे हैं। मंत्रालय ने भरोसा दिलाया है कि इस चुनौती से निपटने के लिए तकनीकी सुरक्षा घेरे को और मजबूत किया जा रहा है।