सड़कों की गुणवत्ता जांच से भड़के अभियंता, मंगलवार को काम बंद का ऐलान,पीडब्ल्यूडी में बढ़ा टकराव
जबलपुर। जबलपुर सहित मध्यप्रदेश लोक निर्माण विभाग में सड़क, पुल और पुलिया निर्माण की गुणवत्ता की जांच के लिए शुरू किए गए औचक निरीक्षण ने मैदानी इंजीनियरों और सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा कर दी है। विभाग द्वारा की जा रही निरंतर कार्रवाइयों से नाराज सब इंजीनियर, एसडीओ और कुछ एक्जीक्यूटिव इंजीनियर्स ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए मंगलवार को आकस्मिक अवकाश पर रहने का ऐलान किया है। हालांकि, चीफ इंजीनियर ने इस सामूहिक अवकाश को मंजूरी देने से साफ इंकार कर दिया है। दरअसल, गुणवत्ता सुधार के उद्देश्य से लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के निर्देश पर मुख्य अभियंताओं को हर पखवाड़े औचक निरीक्षण करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस नई व्यवस्था के कारण मैदानी स्तर पर बरती जा रही अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई हो रही है, जिससे इंजीनियरों में हड़कंप व्याप्त है।
पद रिक्त होने से निगरानी में बाधा, डिप्लोमा इंजीनियर संघ ने उठाई मांग
इंजीनियरों का तर्क है कि कार्य की अत्यधिक अधिकता के कारण वे निर्माण कार्यों की उचित निगरानी नहीं कर पा रहे हैं। संघर्ष समिति और डिप्लोमा इंजीनियर संघ ने इस व्यवस्था को बंद करने या पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध कराने की मांग की है। संघ के पदाधिकारी कपिल त्यागी ने स्पष्ट किया कि प्रदेशभर में वर्षों से इंजीनियर्स के पद रिक्त पड़े हैं, जिसकी वजह से निगरानी व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। रिक्त पदों को भरे बिना सख्त कार्रवाई और औचक निरीक्षण को वे अनुचित मान रहे हैं।
