रांझी के मानेगांव स्कूल की घटना, डीईओ ने लिया संज्ञान
जबलपुर। रांझी मानेगांव स्थित एक शासकीय स्कूल का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। वायरल वीडियो में स्कूली बच्चों से स्कूल परिसर में मलबा उठवाते हुए देखा जा रहा है। बच्चों के हाथों में किताब-कॉपी की जगह फावड़ा, गैंती और तसला नजर आ रहे हैं, जिससे शिक्षा व्यवस्था और बाल अधिकारों पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि छोटे-छोटे बच्चों से शारीरिक श्रम कराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि स्कूल परिसर में चल रहे निर्माण या मरम्मत कार्य के दौरान निकले मलवे को बच्चों से उठवाया गया। इस घटना ने अभिभावकों और समाज में नाराजगी पैदा कर दी है। लोगों का कहना है कि स्कूल शिक्षा का मंदिर है, न कि बच्चों से मजदूरी कराने का स्थान।
शिक्षा विभाग ने लिया संज्ञान
मामले की जानकारी मिलते ही जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने वीडियो का संज्ञान लिया है। डीईओ ने कहा है कि यह मामला गंभीर है और पूरे घटनाक्रम की जांच कराई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि जांच के बाद जो भी शिक्षक या संबंधित कर्मचारी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, प्राथमिक जांच में यह देखा जा रहा है कि बच्चों से किसके निर्देश पर और किस उद्देश्य से श्रम कराया गया। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि क्या स्कूल प्रबंधन ने नियमों और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है। बाल श्रम और बच्चों की सुरक्षा से जुड़े कानूनों के तहत इस तरह की गतिविधियां पूरी तरह प्रतिबंधित हैं। घटना सामने आने के बाद अभिभावकों में भी चिंता और आक्रोश है। उनका कहना है कि बच्चों को स्कूल में पढ़ाई के लिए भेजा जाता है, न कि निर्माण कार्य कराने के लिए। फिलहाल शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी।
