पीपीटी से खुलेगी ननि के इंजीनियरों के काम की पोल


निर्माण कार्यों की पीपीटी निगमायुक्त के समक्ष होंगी पेश,
 गुणवत्ता को लेकर दिए स्पष्ट निर्देश

जबलपुर। संस्कारधानी की अधोसंरचना को नई मजबूती देने और विकास कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए नगर निगम प्रशासन ने अपनी रणनीति बदल दी है। नगर निगम आयुक्त राम प्रकाश अहिरवार ने लोककर्म विभाग की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि शहर में चल रहे किसी भी निर्माण कार्य में गुणवत्ता से समझौता "जीरो टॉलरेंस" की श्रेणी में आएगा। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि जनता की सुविधाओं के लिए बनने वाली सड़कें और नालियां केवल कागजों पर नहीं, बल्कि धरातल पर मजबूत दिखनी चाहिए।

तकनीकी निगरानी:रिकॉर्ड पर होगी प्रगति

​निगमायुक्त ने डिजिटल मॉनिटरिंग को अनिवार्य करते हुए निर्देश दिए हैं कि अब सभी संभागीय यंत्रियों को अपने-अपने जोन में संचालित विकास कार्यों की विस्तृत  पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन तैयार करनी होगी। इस प्रेजेंटेशन के माध्यम से कार्यों की समीक्षा की जाएगी, जिसमें निम्नलिखित बिंदु शामिल होंगे-

  • ​कार्य की वर्तमान भौतिक प्रगति
  • ​उपयोग की जा रही सामग्री की गुणवत्ता रिपोर्ट
  • ​कार्य पूर्ण करने की डेडलाइन और आने वाली बाधाएं

​  दफ्तर छोड़ फील्ड पर उतरेंगे जिम्मेदार

बैठक के दौरान निगमायुक्त ने अधिकारियों की जवाबदेही तय करते हुए कहा कि केवल ऑफिस में बैठकर फाइलों का निपटारा करने का समय अब समाप्त हो चुका है। गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को नियमित फील्ड विजिट करनी होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि निर्माण स्थल पर अचानक निरीक्षण किए जाएंगे और यदि मानक मानदंडों में कोई कमी पाई गई, तो संबंधित यंत्री और ठेकेदार की जिम्मेदारी तय कर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह न हो

​आयुक्त अहिरवार का मुख्य जोर ऐसी संपत्तियों के निर्माण पर है जो लंबे समय तक शहरवासियों के काम आ सकें। बैठक में अपर आयुक्त वीएन बाजपेई, अरविंद सिंह चौहान, अधीक्षण यंत्री कमलेश श्रीवास्तव और कार्यपालन यंत्री शैलेंद्र मिश्रा सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। निगम की इस नई कार्यसंस्कृति से जबलपुर के विकास कार्यों में नई गति और सुचिता आने की उम्मीद है।

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