अयोध्या में होगा अंतिम संस्कार-
डा रामविलास दास वेदांती के उत्तराधिकारी महंत राघवेश दास वेदांती ने बताया. महाराजजी का पार्थिव शरीर अयोध्या लाया जा रहा है। अंतिम यात्रा, हिंदू धाम से मंगलवार सुबह निकलेगी और राम मंदिर तक जाएगी। सरयू तट पर सुबह 8 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
संस्कृत के विशिष्ट विद्वान, कई दशक तक रामकथा की
रामविलास वेदांती हनुमानगढ़ी के महंत अभिराम दास के शिष्य थे। वे अयोध्या में हिंदू धाम नया घाट पर रहते थे। उनका एक आश्रम वशिष्ठ भवन भी है। रामलला और हनुमानगढ़ी के सामने उन्होंने कई दशक तक रामकथा की। संस्कृत के विशिष्ट विद्वान माने जाते थे। वे रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य भी रहे।
2 साल की उम्र में मां का निधन, पिता पुरोहित थे-
वेदांती जब दो साल के थे, तब उनकी मां का निधन हो गया था। पिता राम सुमन त्रिपाठी पुरोहित थे। वे पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन सिंह के गुरु थे। वेदांती 12 साल की उम्र में अयोध्या आए थे। डॉ वेदांती 12वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से बीजेपी के सांसद चुने गए थे। इससे पहले 1996 में जौनपुर की मछलीशहर सीट से भी सांसद रहे। श्रीराम मंदिर आंदोलन को धार देने के कारण उन्हें राम मंदिर जन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया। डॉ रामविलास वेदांती बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आरोपी थे। 2020 में सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था। अदालत ने कहा था, विध्वंस के पीछे कोई साजिश नहीं थी