जबलपुर। घुमक्कड़ जाति के लोगों पर घूम-घूम कर राहिंग्या या बांग्लादेशी होने का आरोप लगाया जा रहा है, जबकि वे 70-80 सालों से यहीं रह रहे हैं। उनका नाम भी एसआईआर में जुड़ना चाहिए। ऐसे मसले को लेकर सोमवार सुबह भारी संख्या में उमरिया गांव के पास रहने वाले लोग कलेक्ट्रे्ट पहुंचे।
लोगों ने अपनी परेशानियों को जाहिर करते हुए बताया कि उनका नाम 2025 में था। 2008 में था, लेकिन उसके बाद इनका नाम नहीं जोड़ा जा रहा है। वर्ष 2003 में उनके दादा का नाम दमोह के पास नोहटा में दर्ज था, जहां उनकी दादी की मृत्यु भी हुई थी। लोगों ने सरकार से सुविधाएं देने की मांग की है।
