कठौदा प्लांट: टर्बाइन रोटर इंस्टॉलेशन पूरा, ऊर्जा उत्पादन फिर पटरी पर लौटेगा
जबलपुर। कचरे से बिजली बनाने वाला प्रदेश का एकमात्र वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट कठौदा एक साल से अधिक समय तक बंद रहने के बाद अब फिर चालू होने जा रहा है। शनिवार से प्लांट में पुन: ऊर्जा उत्पादन शुरू हो जाएगा। नगर निगम द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, प्लांट के टर्बाइन रोटर का इंस्टॉलेशन कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है, जिसके बाद संचालन की पूरी तकनीकी प्रक्रिया फिर से सक्रिय कर दी गई है।
कचरा प्रबंधन में मिली बड़ी राहत
शहर में प्रतिदिन निकलने वाले करीब 600 टन कचरे के प्रबंधन में यह प्लांट महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्लांट बंद होने से पिछले एक वर्ष से नगर निगम को कचरे के निपटान में भारी परेशानी उठानी पड़ रही थी। इसके कारण बैलेंस कचरा ट्रेंचिंग ग्राउंड में जमा होता गया, जिससे पर्यावरणीय दबाव भी बढ़ा। अब प्लांट शुरू होने से कचरे के निस्तारण में सुगमता आएगी और शहर को बड़ी राहत मिलेगी।
तकनीकी मरम्मत का चरण पूरा
नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, प्लांट को सुचारू संचालन में लाने के लिए लगभग एक वर्ष तक व्यापक तकनीकी सुधार और रिपेयरिंग कार्य किए गए। सबसे महत्वपूर्ण टर्बाइन रोटर की मरम्मत व इंस्टॉलेशन सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद ट्रायल रन भी किया गया, जो संतोषजनक पाया गया। इसके बाद शनिवार से नियमित रूप से ऊर्जा उत्पादन प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दी गई है।
-400 टन कचरे से मिलेगी ऊर्जा
प्लांट का क्षमता स्तर प्रतिदिन लगभग 400 टन कचरे को ऊर्जा में परिवर्तित करने का है। अधिकारियों के अनुसार, प्लांट के पुनः संचालन से बिजली उत्पादन के साथ-साथ कचरा निपटान, पर्यावरण संरक्षण और ट्रेंचिंग ग्राउंड पर बढ़ते दबाव को कम करने में बड़ी मदद मिलेगी। नगर निगम ने उम्मीद जताई है कि इस बार प्लांट स्थिरता से लंबे
समय तक चलेगा।
-शहर के लिए राहत का विषय
महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने कहा कि कठौदा प्लांट का पुनः शुरू होना शहर के लिए बड़ी राहत है। सालभर की तकनीकी बाधाओं को दूर कर अब कचरा प्रबंधन में सुगमता आएगी और ऊर्जा उत्पादन भी स्थिर रूप से जारी रहेगा।
