जबलपुर। संस्कारधानी के नागरिकों और विद्यार्थियों के लिए बौद्धिक एवं वैचारिक विकास का एक नया द्वार खुलने जा रहा है। शहर के प्रतिष्ठित गीता भवन को एक आधुनिक ’वैचारिक अध्ययन केंद्र’ के रूप में विकसित करने की तैयारियां अब अपने अंतिम चरण में हैं। हाल ही में निगमायुक्त ने विभागीय अधिकारियों के साथ आयोजन स्थल का विस्तृत निरीक्षण किया और चल रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि शेष कार्यों को समय सीमा के भीतर गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया जाए, ताकि जल्द से जल्द इसे जनता को समर्पित किया जा सके।
यह केंद्र केवल एक भवन नहीं, बल्कि ज्ञान का एक ऐसा संगम बनेगा जहा छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के लिए शांत और सुसज्जित वातावरण मिलेगा। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए संदर्भ सामग्री और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। वरिष्ठ नागरिकों और विचारकों के लिए वैचारिक विमर्श और संवाद के लिए एक मंच तैयार होगा। निरीक्षण के दौरान निगमायुक्त ने भवन की साज-सज्जा, बैठने की व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था और अन्य मूलभूत सुविधाओं का बारीकी से अवलोकन किया। प्रशासन का लक्ष्य है कि गीता भवन अपनी ऐतिहासिक गरिमा को बनाए रखते हुए आधुनिक अध्ययन केंद्र के रूप में अपनी नई पहचान स्थापित करे।
