मध्यप्रदेश में 42.74 लाख नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं। इसके अलावा 8.40 लाख नाम ऐसे हैं, जिनकी मैपिंग नहीं हुई है। जिन लोगों के नाम कटे हैं। उनमें 19.19 लाख पुरुष व 23.64 लाख महिलाएं हैं। 4 नवंबर से शुरू हुई प्रोसेस के लिए चुनाव आयोग के अफसरों ने दिन-रात मॉनिटरिंग करके SIR की प्रक्रिया को पूरा कराया है। अब इसकी प्रारूप सूची का प्रकाशन आज 23 दिसंबर को हो गया। मध्यप्रदेश के 865832 मतदाता ऐसे हैं। इनका नाम 2003 की SIR लिस्ट में था लेकिन 2025 की SIR लिस्ट में उनका नाम नहीं आया है। ऐसे मतदाताओं को बुधवार से कलेक्टरों द्वारा नोटिस जारी कराए जाएंगे और 7 दिन का समय देकर उनसे चुनाव आयोग द्वारा चाहे गए दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा जाएगा। यदि संबंधित मतदाता दस्तावेज उपलब्ध करा देता है तो उसका नाम 21 फरवरी को जारी होने वाली फाइनल मतदाता सूची में शामिल कर लिया जाएगा। SIR 2025 में 42 लाख 74 हजार ऐसे मतदाता मिले हैं। जिनके नाम अन मैपिंग, शिफ्टेड, मल्टीपल एंट्री और डेड वोटर के रूप में एंट्री पाए गए हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव झा ने बताया कि 5 करोड़ 74 लाख 6143 मतदाता पहले थे जो SIR के प्रारूप प्रकाशन के बाद 5 करोड़ 31 लाख 31983 रह गए हैं। उन मतदाताओं को एक मौका दिया जाएगा। जिनका नाम सूची से काटने की स्थिति बनी है। ऐसे मतदाताओं से चुनाव आयोग द्वारा तय दस्तावेज मांगे जाएंगे और सारी जानकारी सही पाए जाने पर उनके नाम फिर से मतदाता सूची में जोड़े जा सकेंगे लेकिन अगर दस्तावेज सही नहीं मिले तो ऐसे मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से काट दिए जाएंगे। अब लोगों को नोटिस देंगे और दस्तावेज मांगेंगे और फिर दस्तावेज मिले तो नाम जुड़ जाएगा।
15 जनवरी तक नाम जोडऩे के लिए आवेदन-
इस बीच एक जनवरी 2026 की स्थिति में 18 साल की उम्र पूरी कर चुके युवाओं के नाम जोडऩे की कार्रवाई भी शुरू हो गई है। साथ ही जो मतदाता दावा आपत्ति के जरिए नाम कटवाने, जुड़वाने व पते में बदलाव कराना चाहते हैं उन्हें भी 17 दिसम्बर से 15 जनवरी तक दावा आपत्ति के साथ नाम जुड़वाने का मौका मिलेगा।