प्रत्येक व्यक्ति पांच वृक्ष अवश्य लगाए:पंडित प्रमेश मिश्रा


श्रीमद्भागवत कथा: गौ सेवा और परहित ही असली धर्म

​जबलपुर।  नरसिंह मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दौरान बनारस से पधारे भगवताचार्य पंडित प्रमेश मिश्रा ने भक्तों को कर्म और भक्ति का मार्ग बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि हर प्राणी को अपने शुभ-अशुभ कर्मों का फल स्वयं भोगना पड़ता है, इसलिए मनुष्य को अपने कर्मों के प्रति सचेत रहना चाहिए। गौ माता की महिमा बताते हुए उन्होंने कहा कि गौ माता में समस्त देवताओं का वास होता है, अतः उनकी सेवा अनिवार्य है। कथा में बताया गया कि श्रीमद्भागवत साक्षात श्रीकृष्ण का स्वरूप है। इसके श्रवण से न केवल जीवन में सुख मिलता है, बल्कि मृत्यु के पश्चात निर्वाण का मार्ग भी प्रशस्त होता है। महाराज जी ने सामाजिक उत्तरदायित्वों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हर व्यक्ति को कम से कम 5 वृक्ष लगाने चाहिए, जल का संरक्षण करना चाहिए और असहायों की मदद करनी चाहिए।

परहित सरिस धर्म नहिं भाई'

​उन्होंने 'परहित सरिस धर्म नहिं भाई' के सिद्धांत को सर्वोपरि बताया और कहा कि वाणी पर नियंत्रण रखकर प्रभु भक्ति में लीन रहना ही परम सुख है। इस अवसर पर भक्तों ने पूर्व आचार्य स्वर्गीय पंडित कमलकांत  महाराज का भी स्मरण किया। अंत में यूके गौतम, अटल उपाध्याय सहित अन्य आयोजकों ने श्रद्धालुओं से कथा का लाभ उठाने की अपील की।

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