मामले की शिकायत मिलने पर पुलिस ने जांच शुरु की, जांच में सामने आया कि अप्रैल 2018 से अगस्त 2025 के बीच आरोपी अतुल पाठक ने कंपनी के खातों से 7 करोड़ 11 लाख रुपए से अधिक की रकम अपने रिश्तेदारों के खातों में स्थानांतरित की। कंपनी को अब तक सिर्फ 1 करोड़ 2 लाख रुपए की वापसी मिल पाई है, जबकि 6 करोड़ 9 लाख रुपए अभी भी बकाया हैं। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि आरोपी ने कंपनी डायरेक्टर संजय सिंह के फर्जी हस्ताक्षर से अतिरिक्त चेकबुक निकलवाई। इसके साथ ही ई-बैंकिंग में फर्जी दस्तावेज लगाकर मोबाइल नंबर बदलवाया और करोड़ों के अनियमित ट्रांजेक्शन किए। कंपनी द्वारा प्रस्तुत एक चेक 19 जुलाई 2025 को बाउंस हुआ था। स्पेशल ऑडिट में पाया गया कि अकेले अतुल पाठक के खाते में 2 करोड़ 95 लाख रुपए जबकि उसकी पत्नी, पिता, माता और अन्य परिचितों के खातों में भी बड़ा ट्रांजेक्शन किया गया है। विश्वविद्यालय थाना पुलिस ने अतुल पाठक, निशा पाठक, काशी प्रसाद पाठक, ममता पाठक, सागर तिवारी सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।