भोपाल/बालाघाट. मध्य प्रदेश पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ चल रहे सुरक्षा बलों के अभियान को लेकर बड़ी सफलता हाथ लगी है. सुरक्षा बलों की कार्रवाई के चलते एमसी जोन केबी डिविजन कान्हा भोरमदेव के 11 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है.
सरेंडर करने वालों में 77 लाख का इनामी कबीर उर्फ सुरेन्द्र भी शामिल है. पुलिस के मुताबिक सुरक्षा बलों की कार्रवाई से इनामी कबीर कई बार बच चुका है. कबीर छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का रहने वाला है. यह सभी नक्सली मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के सामने अपने हथियार डालेंगे. केन्द्र सरकार ने नक्सलियों के सफाए की तारीख मार्च 2026 तय की है.
फॉरेस्ट गार्ड बना सूत्रधार
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक हॉक फोर्स द्वारा की जा रही कार्रवाई से बढ़ते दवाब को देखते हुए नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण का प्रस्ताव भेजा गया. आत्मसमर्पण में वन विभाग के फॉरेस्ट गार्ड को सूत्रधार बनाया गया. नक्सलियों ने फॉरेस्ट गार्ड को आत्मसमर्पण करने के लिए पुलिस तक खबर भेजने के लिए कहा. इसके बाद फॉरेस्ट गार्ड ने हॉक फोर्स के अधिकारियों को नक्सलियों का संदेश दिया.
बालाघाट में 11 नक्सलियों का आत्मसमर्पण
फॉरेस्ट गार्ड की मध्यस्थता के बाद नक्सलियों को शनिवार की देर रात बालाघाट लाकर उनके आत्मसमर्पण की कार्रवाई की गई. आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में सबसे बड़ा नाम केबी डिवीजन का प्रमुख कबीर है, जो मध्य प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ और ओडिशा तक में सक्रिय था. उनकी सुरक्षा बलों को लंबे समय से तलाश थी.
एमपी में सबसे बड़ा सरेंडर
मध्य प्रदेश में नक्सल विरोधी अभियान के तहत इसको पुलिस की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया जा रहा है. इसे मध्य प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा सरेंडर नक्सलियों द्वारा किया जाना बताया जा रहा है. एसपी आदित्य मिश्रा द्वारा नक्सलियों के सरेंडर की आगामी कार्रवाई की जा रही है. जल्द ही यह सभी नक्सली मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सामने अपने हथियार डालेंगे.
