बताया गया है कि टीकमगढ़ जिले के डूडीयन खेरा गांव में लाइनमैन हरिदास अहिरवार ने अपनी मदद के लिए प्राइवेट तौर पर मोहन अहिरवार को साथ रखा था। आज सुबह करीब 9 बजे लाइनमैन के कहने पर मोहन बिजली सुधारने के लिए खंभे पर चढ़ा था। जब वह सुधार कार्य कर रहा था अचानक सप्लाई चालू हो गई, जिससे मोहन तेज करंट लगने से जिंदा जल गया। मोहन को तारों के बीच झुलसते देख ग्रामीणों में चीख पुकार मच गई। देखते ही देखते लोगों की भीड़ एकत्र हो गई, जिन्होने संबंधितों को खबर दी, इसके बाद भी कोई नहीं आया, करीब 6 घंटे तक मोहन बिजली के तारों के बीच लटकता रहा। घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने टीकमगढ़-छतरपुर रोड पर धरना देकर प्रदर्शन शुरु कर दिया। विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलते ही बल्देवगढ़ तहसीलदार अनिल गुप्ता और थाना प्रभारी प्रीति भार्गव पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचीं। तहसीलदार ने लाइनमैन पर कार्यवाही का आश्वासन दिया गया है। इसके अलावा नौकरी संबंधित प्रपोजल बनाकर शासन को भेजने की बात कही। इसके बाद लोगों ने प्रदर्शन खत्म कर दिया। अधिकारियों को बताया कि मृतक मोहन अहिरवार टपरियन गांव का रहने वाला था। उसके परिवार में बड़ा भाई सरमन अहिरवार वह किसान है। मोहन छोटा था। वह अपनी मां, पत्नी, दो बेटियां और दो बेटों के साथ रहता था।
लाइनमैन को पुलिस ने हिरासत में लिया- जूनियर इंजीनियर जितेंद्र जाटव का कहना था कि खंभे पर चढ़ा युवक कंपनी का कर्मचारी नहीं है। वह गांव का ही रहने वाला है। यह भी जांच का विषय है कि लाइनमैन के कहने पर चढ़ा या खुद से ही चढ़ा है। फिलहाल लाइनमैन पुलिस कस्टडी में है।
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