पमरे ने वर्ष 2025 में हासिल की बड़ी उपलब्धियां, 143 किमी का इन्फ्रास्ट्रचर कमीशनिंग, नेटवर्क का किया विस्तार

 
जबलपुर. वर्ष 2025 पश्चिम मध्य रेल के लिए इन्फ्रास्ट्रचर कमीशनिंग, नई लाइनें बिछाने/दोहरीकरण/तिहरीकरण एवं रेल फ्लाईओवर, स्क्रैप बिक्री, यात्री सुविधाओं में विस्तार, रेल परिचालन, संरक्षा एवं सुरक्षा और तकनीकी नवाचार एवं रेल सेवाओं की शरुआत के साथ उपलब्धियों से भरा वर्ष साबित हुआ। इसके साथ डिजिटल तकनीक के उपयोग, स्टेशन पुनर्विकास, स्वस्थ्य एवं स्वच्छता पहल तथा अधोसरंचनात्मक निर्माण के माध्यम से पश्चिम मध्य रेल ने भारतीय रेल के कई श्रेणियों में अपनी सशक्त पहचान बनाई है। 

पश्चिम मध्य रेल महाप्रबंधक श्रीमती शोभना बंदोपाध्याय के मार्गदर्शन और दिशा-निर्देशानुसार तकनीक का उपयोग और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विशेष रूप से कार्य किये जा रहे हैं। पश्चिम मध्य रेल पर तीनों मण्डलों के समन्वय से यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने के कार्य नियमित रूप से किये जा रहे हैं। मुख्यालय और मण्डल की टीम लगातार बेहतर रेल संचालन और उत्कृस्ट यात्री सुविधाओं की मॉनिटरिंग कर रही हैं। 

   प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशभर में 100 से अधिक अमृत भारत स्टेशनों का लोकार्पण किया गया, जो भारतीय रेल के अधोसंरचना विकास और यात्री सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। पश्चिम मध्य रेलवे में जबलपुर मंडल के अंतर्गत श्रीधाम एवं कटनी साउथ, कोटा मंडल के मांडलगढ़ एवं बूंदी, तथा भोपाल मंडल के नर्मदापुरम एवं शाजापुर कुल 06 रेलवे स्टेशनों का लोकार्पण किया गया।

2025 में पमरे की प्रमुख उपलब्धियां

1- इन्फ्रास्ट्रचर कमीशनिंग (नई लाइन/दोहरीकरण/तिहरीकरण/रेल फ्लाईओवर):-  पश्चिम मध्य रेल ने अधोसंरचना विकास के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। वर्ष 2025 के दौरान कुल 143 किलोमीटर का नवनिर्मित ट्रैक कमीशन किया गया है जिनमें कि 87 किमी नई रेल लाइन कार्य एवं 40 किमी मल्टी -ट्रैकिंग (दोहरीकरण एवं तिहरीकरण) एवं रेल फ्लाईओवर 15.85 किमी लंबे कटनी अप ग्रेड सेपरेटर का कार्य शामिल हैं। नई रेललाइन परियोजनाओं को समयबद्ध रूप से पूरा करने की दिशा में निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप नवनिर्मित रेलखंडों पर रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) द्वारा सफल निरीक्षण एवं उच्च गति स्पीड ट्रायल संपन्न कराए गए। यह उपलब्धि रेलवे की सुरक्षित, आधुनिक और तेज कनेक्टिविटी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। 

2- पीओएच (पीरियोडिक ओवर हॉलिंग):- पश्चिम मध्य रेल द्वारा कोचों और वैगनों का रूटीन ओवर हॉलिंग करके अधिक से अधिक पीओएच (पीरियोडिक ओवर हॉलिंग) आउटटर्न किया। वर्ष 2025 में सीआरडब्लूएस/भोपाल एवं डब्लूआरएस/कोटा दोनों कारखानों में कुल 8594 कोचों/वैगनों का पीरियोडिक ओवर हॉलिंग किया गया, जिसमें सवारी डिब्बा पुर्ननिर्माण कारखाना (सीआरडब्लूएस) भोपाल द्वारा 1241 कोचों का अनुरक्षण कर आउटटर्न किया तथा इसी प्रकार वर्कशॉप (डब्लूआरएस) कोटा कारखाना द्वारा 7353 वैगनों की मरम्मत करके आउटटर्न किया है।

3- स्क्रैप बिक्री:- पश्चिम मध्य रेल स्क्रैप सामग्री जुटाकर और ई-नीलामी के माध्यम से इसकी बिक्री करके संसाधनों का इष्टतम उपयोग करने के लिए हरसंभव प्रयास करती है। वर्ष 2025 के दौरान 428 करोड़ 38 लाख रुपये की स्क्रैप बिक्री की गई है।

4- ऑपरेशन नन्हें फरिस्ते :- यात्री सुरक्षा हेतु प्रतिबद्ध पश्चिम मध्य रेलवे के अन्तर्गत रेल सुरक्षा बल द्वारा वर्ष 2025 में कुल 469 बालकों एवं 235 बालकियों सहित कुल 714 बच्चों को रेस्क्यू कर उनके परिजनों/पुलिस/गैर सरकारी संगठन जैसे चाइल्ड लाइन इत्यादि को सुपुर्द किया हैं। 

5- ऑपरेशन मेरी सहेली :- ऑपरेशन मेरी सहेली के तहत रेल सुरक्षा बल, पश्चिम मध्य रेल द्वारा वर्ष 2025 में 16878 ट्रेनों में अब तक 170411 महिला यात्रियों को सुरक्षित यात्रा के लिए सहायता प्रदान करते हुए उन्हें उनके गंतव्य तक सुरक्षित रूप से पहुँचाने में मदद की गई की गई। ऑपरेशन मेरी सहेली के तहत रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) पश्चिम मध्य रेल महिला यात्रियों के लिए एक सुरक्षित यात्रा का माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह अभियान भारतीय रेलवे के समग्र प्रयासों का हिस्सा है, जिसमें महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। आरपीएफ का यह कदम न केवल महिला यात्रियों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि भारतीय रेलवे को एक सुरक्षित और समावेशी परिवहन सेवा बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।

6- सेक्शन स्पीड में वृद्धि :- वर्ष 2025 में पश्चिम मध्य रेल ने 25 पीएसआर (स्थाई गति प्रतिबंधक) को हटाया गया है, जिसमें अकेले 49 किमी का चॉचौड़ा बीनागंज-पचोर रोड रेलखण्ड के 60 किमी प्रति घण्टे के पीएसआर को हटाकर सेक्शन को नार्मल गति 110 किमी प्रति घण्टे की गति से रिप्लेस किया गया है।  इससे 20 मिनट की बचत हुई है। इस प्रकार सम्पूर्ण पश्चिम मध्य रेल में 170 किमी सेक्शन में सेक्शनल गति बढ़ाई गई है जिससे 25 मिनट की बचत हुई है। 

7- कैपेक्स:- वर्ष 2025 के दौरान पश्चिम मध्य रेल का कैपिटल एक्सपेंडिचर (कैपेक्स) 11,314 करोड़ 11 लाख रुपये की अधिकतम उपयोगिता साबित हुई है। 

8- ट्रैक रेनुवल:- पमरे में ट्रैक की क्षमता को बढ़ाने के लिए एवं सरंक्षा में वृद्धि करने के उद्देश्य से वर्ष 2025 के 445 किलोमीटर से अधिक ट्रैक का रेनुअल कार्य किया गया।

9- समपार फाटक हटाए गए:- समपार फाटकों (लेवल क्रॉसिंग या एलसी गेट) पर लोगों की सुरक्षा चिंता का प्रमुख विषय रहा है। वर्ष 2025 के दौरान 40 समपार फाटकों को हटाया गया।

10- रोड ओवर ब्रिज/रोड अंडर ब्रिज (आरओबी/आरयूबी):- सड़कों पर बनी पटरियों को पार करने में जनता की सहूलियत के लिए वर्ष 2025 के दौरान 16 रोड ओवर ब्रिज एवं 39 रोड अंडर ब्रिज / सीमित ऊंचाई सबवे (एल.एच.एस.) निर्माण कराए गए।

11- ऑर्जिनेटिंग रेवन्यू :- पश्चिम मध्य रेल ने वर्ष 2025 में रूपये 8641 करोड़ 78 लाख का ऑर्जिनेटिंग राजस्व हासिल किया है, जो वर्ष 2024 में 8300 करोड़ 86 लाख की तुलना में 4 प्रतिशत से अधिक वृद्धि रही। इस ऑर्जिनेटिंग रेवन्यू में व्यवसाय विकास इकाइयों के ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण एवं कार्यकलापों के साथ-साथ अत्?यंत प्रभावकारी नीति निर्माण से पश्चिम मध्य रेल को यह बेहतर उपलब्धि हासिल करने में काफी मदद मिली है।

12- अमृत स्टेशन योजना के तहत, पश्चिम मध्य रेल के कुल 53 रेलवे स्टेशनों का उन्नयन कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत जबलपुर मंडल के 15 स्टेशन, भोपाल मंडल के 15 एवं कोटा मंडल के 17 स्टेशन शामिल हैं। इसके अलावा जबलपुर, सतना, भोपाल, बीना, कोटा एवं डकनिया तलाव रेलवे स्टेशनों के मेजर अपगे्रडेशन के कार्य भी शामिल हैं। साथ ही वर्ष 2025 में जबलपुर मंडल के अंतर्गत श्रीधाम एवं कटनी साउथ, कोटा मंडल के मांडलगढ़ एवं बूंदी, तथा भोपाल मंडल के नर्मदापुरम एवं शाजापुर स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पूर्णत: पुनर्विकसित किया गया है। इन अत्याधुनिक स्टेशनों में विश्वस्तरीय यात्री सुविधाएँ, दिव्यांगजन-अनुकूल अवसंरचना, आधुनिक प्रतीक्षालय, बेहतर प्रकाश व्यवस्था, डिजिटल सूचना प्रणाली, स्वच्छता, सुगम आवागमन तथा स्थानीय कला, संस्कृति और विरासत को प्रतिबिंबित करता सौंदर्यपूर्ण डिज़ाइन विकसित किया गया है। अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत पुनर्विकसित ये स्टेशन सुविधाओं, संस्कृति और सौंदर्य का अनूठा संगम प्रस्तुत करते हैं, जो न केवल यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाएंगे बल्कि संबंधित क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी नई गति प्रदान करेंगे।

Post a Comment

Previous Post Next Post