मुख्यमंत्री ने शहीद इंस्पेक्टर के छोटे भाई को सब इंस्पेक्टर बनने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सारे नियमों को शिथिल करते हुए एसआई बनाया जाएगा। एक करोड़ की सम्मान निधि दी जाएगी। आशीष शर्मा के नाम पर गांव में एक पार्क और स्टेडियम बनाया जाएगा। इससे पहले आज दोपहर को शहीद का पार्थिव शरीर नरसिंहपुर में उनके गृहग्राम बोहानी लाया गया। घर में उन्हें गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा मुक्तिधाम के लिए निकाली गई। लोगों ने घरों की छतों पर खड़े होकर शहीद पर फूल बरसाए। शहीद के अंतिम संस्कार में शामिल होने कैबिनेट मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल और उदय प्रताप सिंह पहुंचे। मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी।
अंतिम विदाई में 5000 से ज्यादा लोग हुए शामिल-
इससे पहले आज सुबह बालाघाट में उनकी श्रद्धांजलि यात्रा निकाली गई। दोपहर में उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचा। परिजन का रो-रो कर बुरा हाल रहा। गांव में माहौल गमगीन था। शहीद को अंतिम विदाई देने करीब 5000 से ज्यादा लोग पहुंचे। लोगों ने भारत माता की जय और अमर रहे के नारे लगाए।
नक्सलियों से मुठभेड़ में लगी थी गोली-
एंटी नक्सल ऑपरेशन डीजी पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि एक दिन पहले बुधवार को मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ ने जॉइंट ऑपरेशन चलाया था। तीनों राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्र के बोर तालाब के पास नक्सलियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी। पुलिस के पहुंचने पर नक्सलियों से मुठभेड़ हो गई। तीनों टीम को लीड कर रहे इंस्पेक्टर आशीष शर्मा को गोली लग गई। उन्हें घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गयाए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।