अयोग्य फर्म को ठेका? हाई कोर्ट ने निगमायुक्त को भेजा नोटिस

 


सड़क ठेका आवंटन मामले में हाई कोर्ट सख्त, दो दिसंबर तक स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश

जबलपुर। सड़क निर्माण ठेका आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने नगर निगम आयुक्त, छिंदवाड़ा सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर दो दिसंबर तक जवाब-तलब किया है। मामला ऐसे ठेकेदार को ठेका दिए जाने से जुड़ा है, जिसे याचिकाकर्ता ने अयोग्य और अनुभवहीन बताया है।मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ के समक्ष हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता यूनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की ओर से अधिवक्ता विट्ठलराव जुमड़े उपस्थित हुए। उन्होंने दलील दी कि पहाड़ी क्षेत्र में सड़क निर्माण के लिए नगर निगम ने अप्रैल 2025 में निविदा आमंत्रित की थी। निर्धारित शर्तों के अनुसार ठेकेदार के पास ऐसे कठिन भूभाग में सड़क निर्माण का प्रमाणित अनुभव होना चाहिए था, परंतु जिस फर्म,अर्णव इंटरप्राइजेस को ठेका स्वीकृत किया गया, उसने न तो अनुभव प्रमाण-पत्र प्रस्तुत किया और न ही आवश्यक तकनीकी दस्तावेज जमा किए।

-क्यों कटघरे में है प्रक्रिया

याचिकाकर्ता के अनुसार, इसके बावजूद संबंधित अधिकारियों ने 17 अक्टूबर 2025 को उक्त फर्म को ठेका स्वीकृत करते हुए वर्क ऑर्डर जारी कर दिया। इतना ही नहीं, याचिकाकर्ता ने जुलाई में आधिकारिक रूप से आपत्ति भी दर्ज कराई थी, जिसे बिना परीक्षण आगे की प्रक्रिया में नजरअंदाज कर दिया गया। इसी के खिलाफ न्यायालय की शरण ली गई है। हाई कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए नगर निगम आयुक्त से पूरी प्रक्रिया का विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि निर्धारित शर्तों और योग्यता मानदंडों की अनदेखी गंभीर सवाल खड़े करती है। अब अगली सुनवाई में निगम द्वारा प्रस्तुत जवाब के आधार पर आगे का निर्णय लिया जाएगा।


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