तीन आरोपी हिरासत में, यादव कॉलोनी पुलिस चौकी के अमले पर भी उठ रहे सवाल
जबलपुर। विजय नगर के शताब्दीपुरम क्षेत्र में सामने आए चर्चित हनी ट्रैप प्रकरण की जाँच अब निर्णायक मोड़ पर पहुँच चुकी है। खबर है कि मामले में सीएसपी रितेश कुमार द्वारा मामले की प्राथमिक जाँच रिपोर्ट पुलिस कप्तान सम्पत उपाध्याय के पास भेज दी गई है। शुरुआती जाँच में तीन मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, वहीं पुलिस चौकी के कुछ पुलिसकर्मियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। पूरे घटनाक्रम ने पुलिस महकमे को सकते में डाल दिया है।
घटना कैसे हुई, पूरा वाक्या
पीड़ित युवक ने शिकायत की थी कि सोशल मीडिया पर एक युवती से बातचीत के बाद उसने मिलने का कार्यक्रम तय किया। शताब्दीपुरम में मिलने के दौरान युवती ने कुछ मिनटों बाद खुद को फँसा हुआ दिखाते हुए अचानक हंगामा खड़ा कर दिया। तभी दो युवक मौके पर पहुँचे और पीड़ित पर अश्लील हरकतों का आरोप लगाते हुए धमकी देने लगे। उन्होंने युवक को कमरे में बंद कर उससे रकम की माँग की। युवती और उसके साथी युवक ने मिलकर पीड़ित को धमकाया कि यदि पैसे नहीं दिए तो उसे बदनाम कर दिया जाएगा और पुलिस में मामला दर्ज करा दिया जाएगा। घबराए युवक ने शुरू में 500 रुपये दिए, लेकिन आरोपियों ने एटीएम से पैसा निकालने का दबाव बनाया। किश्तों में करीब 20 हजार रुपये वसूलने के बाद पीड़ित मौके से निकल पाया और सीधे पुलिस के पास पहुँचा। हनी ट्रैप गिरोह के इस जाल का भंडाफोड़ होने से शहर में हड़कंप मचा हुआ है।
यादव कॉलोनी चौकी पुलिस की भूमिका
जांच में यह सामने आया है कि घटना की सूचना पर पहुँचे यादव कॉलोनी पुलिस चौकी पुलिसकर्मियों ने आवश्यक कार्रवाई में लापरवाही बरती। पीड़ित के अनुसार पुलिसकर्मी आरोपियों के प्रति नरम रुख में दिखाई दिए, जिससे पूरे मामले पर संदेह गहराया। यही कारण है कि जाँच टीम ने चौकी स्टाफ की भूमिका को भी जाँच दायरे में रखा है।
-रिपोर्ट में सारे साक्ष्य मौजूद
जाँच टीम ने घटना से जुड़े सभी वीडियो, सीसीटीवी फुटेज, कॉल रिकॉर्ड और बयान पुलिस कप्तान को सौंप दिए हैं। रिपोर्ट में धारा 308(2), 612, 296, 115(2), 3(5) के तहत कार्रवाई प्रस्तावित की गई है। एसपी श्री उपाध्याय ने कहा कि मामला गंभीर है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी और इसमें शामिल पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई तय है।
