नो-एंट्री में भी भारी वाहनों की दौड़,हादसों का खतरा बढ़ा
जबलपुर। जबलपुर के फ्लाईओवर शुरू होते ही भारी वाहनों की आवाजाही तेजी से बढ़ गई है। सबसे गंभीर बात यह कि जिन मार्गों पर नो-एंट्री लागू है, वहां भी ट्रकों और ट्रेलरों की धड़ल्ले से आवाजाही जारी है। कई वाहन सीधे फ्लाईओवर पर चढ़ रहे हैं, जहाँ उनकी तेज रफ्तार दुर्घटना का जोखिम बढ़ा रही है। हेलमेट और सीटबेल्ट पर सख्ती करने वाली यातायात पुलिस भारी वाहनों की रोकथाम पर बिल्कुल भी नियंत्रण नहीं कर पा रही है।
निगरानी व्यवस्था सवालों में
फ्लाईओवर पर भारी वाहनों की रफ्तार बढ़ने से रोजाना जाम की स्थिति बन रही है। ऑफिस टाइम पर कारों, बसों और दोपहिया वाहनों को अचानक ब्रेक लगाना पड़ता है, जिससे सड़क पर तनाव और टकराव की नौबत बन जाती है। जानकारों का कहना है कि नो-एंट्री में भारी वाहनों को रोकने के लिए बायपास पर पुलिस की ड्यूटी तो होती है, लेकिन ड्यूटी के बाद वाहन बिना रोके शहर के अंदर घुस आते हैं। रात 11 बजे नो-एंट्री खुलने के बाद वाहनों की तेज गति से हालात और बिगड़ जाते हैं।फिलहाल, सवाल यही है कि जब फ्लाईओवर पर दुर्घटना का खतरा सबसे ज्यादा है, तो भारी वाहनों को रोकने की व्यवस्था कब सख्त होगी?
-ट्रैफिक पुलिस पर सवाल
फ्लाईओवर पर भारी वाहनों की अनियंत्रित आवाजाही ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। नो-एंट्री में भी ट्रक और ट्रेलर बेधड़क घुस रहे हैं, जिससे फ्लाईओवर पर जाम, शोर और लगातार दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है। ऑफिस समय में छोटे वाहन चालकों को भारी वाहनों की तेज रफ्तार और गलत लेन में दौड़ते ट्रकों के कारण तनाव की स्थिति झेलनी पड़ती है। ट्रैफिक पुलिस की ढिलाई और कमजोर निगरानी से शहर का पूरा यातायात तंत्र चरमराता दिख रहा है।
