एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई: 1996 से जारी फर्जीवाड़े का खुलासा, 34 शिक्षकों पर जल्द गिरेगी गाज
जबलपुर। मध्यप्रदेश में शिक्षा विभाग की भर्तियों में फर्जी डी-एड (डिप्लोमा इन एजुकेशन) डिग्री लगाकर नौकरी करने वाले नकली शिक्षकों के खिलाफ एसटीएफ की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुँच गई है। प्रदेशभर की तरह जबलपुर जिले में भी कई संदिग्ध शिक्षकों पर शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है। एसटीएफ की जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि यह फर्जीवाड़ा कोई हालिया मामला नहीं, बल्कि साल 1996 से लगातार चल रहा है। जांच टीम के मुताबिक, सबसे ज्यादा फर्जी भर्तियां 1998, 2001, 2003 और 2006 में की गई थीं, और इसी अवधि के दस्तावेज सबसे संदिग्ध पाए गए हैं।
-जबलपुर के दस्तावेज भी संदिग्ध,गोपनीय रिपोर्ट तैयार
सूत्रों के अनुसार, एसटीएफ ने जबलपुर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से भी संदिग्ध शिक्षकों के दस्तावेजों की गुप्त रिपोर्ट मंगाई है। रिपोर्ट का परीक्षण पूरा कर लिया गया है और अब कार्रवाई की तैयारी चल रही है। जबलपुर के कुछ शिक्षकों के नाम भी इस सूची में शामिल बताए जा रहे हैं, जिनकी D.Ed डिग्रियाँ संदिग्ध पाई गई हैं। हालांकि एसटीएफ आधिकारिक तौर पर नाम उजागर नहीं कर रही, लेकिन जिले में शिक्षा विभाग में हलचल तेज है।
-34 शिक्षकों पर एफआईआर
एसटीएफ ने प्रदेशभर में 34 शिक्षकों की डिग्री और प्रशिक्षण प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने पर गिरफ्तारी की रणनीति तैयार कर ली है। गिरफ्तारी से पहले सभी को एक बार पूछताछ का मौका दिया जाएगा।जबलपुर में तैनात संदिग्ध शिक्षकों को भी नोटिस भेजे जाने की संभावना है। फर्जी डिग्री गिरोह का पर्दाफाश होने के बाद एसटीएफ को 5 गोपनीय शिकायतें मिली हैं। इसमें से दो शिकायतें जबलपुर से भेजी गई हैं, जिनमें शिक्षकों पर फर्जी D.Ed प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी करने का आरोप है। इन शिकायतों की प्राथमिक जांच शुरू कर दी गई है। तथ्यों की पुष्टि होते ही जबलपुर में भी गिरफ्तारी संभव है।
-50 फीसदी से ज्यादा फर्जी भर्तियां चार साल में!
एसटीएफ के एसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया,
अब तक की जांच में यह सामने आया है कि 50% से ज्यादा फर्जी भर्तियां 1998, 2001, 2003 और 2006 की अवधि में हुई हैं। पूरे प्रदेश के साथ जबलपुर की भी विस्तृत जांच चल रही है।
जबलपुर में क्यों बढ़ी सनसनी?
- कई संदिग्ध शिक्षकों की सूची पहुँची एसटीएफ तक
- डीईओ कार्यालय से मांगी गई गुप्त रिपोर्ट
- दस्तावेजों का परीक्षण पूरा, कार्रवाई की तैयारी
- दो गोपनीय शिकायतें सीधे जबलपुर से भेजी गईं
- जांच में क्या-क्या मिल रहा है?
- फर्जी संस्थानों से जारी D.Ed प्रमाणपत्र
- पासिंग ईयर और प्रवेश वर्ष में बड़ा अंतर
- बिना प्रशिक्षण लिए जारी किए गए प्रमाणपत्र
- फर्जी डिग्री गिरोह के तार प्रदेश के कई जिलों से जुड़े
