एजेंसी टाइगर स्ट्राइक फोर्स भी एक्टिव पर नतीजा नहीं,वन अमले के ‘ाामिल होने का संदेह गहराया, फॉर्म हाउस के मालिक से अब तक पूछताछ नहीं
जबलपुर। सिहोरा के निसर्ग इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के ढाई सौ एकड़ के फॉर्म हाउस में मिली तेंदुए की लाश अब राजनीति का शिकार होती नजर आ रही है। जिस वक्त तेंदुए की लाश मिली थी,उस वक्त इस मामले को लेकर तेजी दिखाई जा रही थी,लेकिन अब पूरी जांच एकदम ठंडी पड़ी हुई है। तेंदुए की पीएम रिपोर्ट में भी आया था कि उसे करंट लगाकर मारा गया है ,इसके बाद भी एक्शन न होना सवालों को जन्म दे रहा है। वन विभाग को इसी फार्म हाउस की जमीन से करीब 10 फीट नीचे जंगली सूअरों के शव मिले थे. इसके बाद,यहीं पर तेंदुए का शव भी मिला था। तेंदुए के 17 नाखून और 4 दांतों को भी निकाल लिया गया था।
- जांच में अफसरों को आ रहा पसीना
इस मामले में अब वन विभाग के अधिकारियों के भी पसीने छूट रहे हैं, क्योंकि 250 एकड़ के इस एरिया में जांच करना इतना आसान नहीं है. हालांकि, डॉग स्क्वॉड को पूरे क्षेत्र में छोड़ दिया गया है. ग्रामीणों को इस एरिया में नहीं आने दिया जा रहा है। इसके कारण वन विभाग की भी चिंता की लकीरें बढ़ गई हैं. लेकिन अब इस मामले में स्वतंत्र एजेंसी टाइगर स्ट्राइक फोर्स की एंट्री हुई है, जो मामले की जांच कर रही है। वजह सिर्फ इतनी है कि वन विभाग के कुछ कर्मचारी और अधिकारी भी शक के दायरे में आ चुके हैं। जांच में कई नए मोड़ सामने आए हैं।
-वन विभाग का अमला भी जांच के घेरे में
जांच के दौरान वन विभाग के दो अधिकारियों की भी भूमिका संदिग्ध पाई गई थी, जिन्हें निलंबित भी कर दिया गया था. लेकिन कुछ अधिकारियों की अब भी भूमिका संदिग्ध है। इसके अलावा फार्म हाउस के गार्ड की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है, क्योंकि 250 एकड़ के क्षेत्र में पहरा होने के बाद भी आखिर कैसे घटना घट गई। इतना ही नहीं, पड़ताल में यह भी पता चला कि फैक्ट्री परिसर में सीसीटीवी लगे थे, जिससे राज खुलने की संभावना थी. लेकिन, सीसीटीवी भी बंद हैं.
-कब होगी गोयनका से पूछताछ
फैक्ट्री के मालिक महेंद्र गोयनका भी अब वन विभाग के टारगेट में हैं,लेकिन अब तक गोयनका से पूछताछ नहीं की जा सकी है। डीएफओ ़ऋषि मिश्रा ने कहा कि इस मामले की जांच तेजी से जारी है। टीमें कई स्तरों पर काम कर रही हैं।
