यूपी में नकली पेट्रोल फैक्ट्री का भंडाफोड़, एमपी सहित कई राज्यों में होता था सप्लाई

अलीगढ़. यूपी एसटीएफ ने एक चौंकाने वाले खुलासे में अलीगढ़ से चल रहे एक बड़े अंतरराज्यीय नकली पेट्रोल और डीजल के धंधे का पर्दाफाश किया है. पांच साल से चल रही यह फैक्ट्री मिलावटी ईंधन बना रही थी और न केवल उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में, बल्कि मध्य प्रदेश, राजस्थान सहित कई राज्यों में भी इसकी आपूर्ति कर रही थी और स्थानीय पुलिस और आपूर्ति विभाग सहित किसी को भी इसकी भनक तक नहीं लगी. यह खुलासा मुख्यमंत्री को संदिग्ध ईंधन बिक्री की शिकायतों के बाद हुआ है.

यह जांच तब शुरू हुई जब उत्तर प्रदेश पेट्रोलियम ट्रेडर्स एसोसिएशन ने राज्य में नकली पेट्रोल और डीजल की बिक्री की शिकायत दर्ज कराई. 14 नवंबर को, एसटीएफ की गौतमबुद्ध नगर टीम ने फिरोजाबाद के चंद्रा फिलिंग स्टेशन पर छापा मारा और सद्दाम और चंद्र विजय को हिरासत में लिया. पूछताछ के दौरान, अधिकारियों को पता चला कि मिलावटी पेट्रोलियम अलीगढ़ स्थित पराग पेंट्स एंड केमिकल्स फैक्ट्री से आता था.

 नकली ईंधन नेटवर्क का पर्दाफाश  

इसके बाद, एसटीएफ ने फैक्ट्री पर ही छापा मारा और मालिक कन्हैया लाल वार्ष्णेय और मैनेजर सर्वेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया. इस तरह, विभिन्न राज्यों में नकली ईंधन की आपूर्ति करने वाले नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ. यह फैक्ट्री गुप्त रूप से चल रही थी, जहां कोई साइनबोर्ड या सार्वजनिक दृश्यता नहीं थी. स्थानीय लोगों ने रोजाना टैंकरों को आते-जाते देखा, लेकिन अंदर चल रही अवैध गतिविधियों से अनजान थे. सूत्रों के अनुसार, यह फैक्टरी आपूर्ति विभाग के कुछ अधिकारियों के संरक्षण में चल रही थी, जिससे संभावित मिलीभगत का संदेह पैदा हो रहा है.

फैक्टरी के लाइसेंस से खुलासा

इस फैक्टरी का लाइसेंस पेट्रोकेमिकल-विस्फोटक बिक्री और रिफाइनरी के अंतर्गत था, जो आधिकारिक तौर पर कन्हैया की पत्नी चित्रा और बेटे गौरव के नाम पर पंजीकृत थी. कथित तौर पर, इसमें नकली पेट्रोल मिलाने के लिए गुजरात से आने वाले कच्चे तेल का इस्तेमाल किया जाता था. अधिकारी अब फैक्टरी से जुड़े सभी लाइसेंस रद्द करने पर विचार कर रहे हैं. जांच से पता चला कि कन्हैया लाल के राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों से गहरे संबंध थे. 

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