जबलपुर से भोपाल तक तेज़ हुई लॉबिंग, तीन दिग्गज प्रोफेसर दौड़ में,बुधवार तक आदेश होने की संभावना
जबलपुर। नानाजी देशमुख वेटरनरी साइंस यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रार की कुर्सी इन दिनों सबसे “हॉट सीट” बनी हुई है। पद खाली होने के संकेत मिलते ही जबलपुर से लेकर भोपाल तक लॉबिंग तेज़ हो गई है। प्रशासनिक फेरबदल की सुगबुगाहट ऐसी है कि यूनिवर्सिटी के गलियारों से लेकर मंत्रालय तक इस समय सिर्फ रजिस्ट्रार कौन बनेगा? एक ही सवाल गूंज रहा है।
-तीन बड़े नाम रेस में सबसे आगेसू
त्रों के अनुसार, रजिस्ट्रार पद की दौड़ में तीन वरिष्ठ प्रोफेसर सबसे आगे बताए जा रहे हैं। इन प्रोफेसरों का अकादमिक रिकॉर्ड, प्रशासनिक अनुभव और पुराने कनेक्शन,तीनों चीज़ें उन्हें इस प्रतिस्पर्धा में मजबूत बना रही हैं। यूनिवर्सिटी से लेकर मंत्रालय तक लगातार मुलाकातें और सिफारिशें जारी हैं।
- कुलसचिव के निजी सचिव पर भी लटकी तलवार
इस पूरे विवाद के बीच एक और बड़ा मोड़ आया है,जिसमें वेटरनरी यूनिवर्सिटी के कुलसचिव के निजी सचिव पर विभागीय कार्रवाई और संभावित बर्खास्तगी की तलवार लटक गई है। सूत्रों ने बताया कि सचिव के खिलाफ प्रशासनिक अनियमितताओं से जुड़ी शिकायतें उच्च स्तर पर पहुंच चुकी हैं। बुधवार तक इस पर अंतिम निर्णय होने की संभावना है। इससे यूनिवर्सिटी में हलचल और बढ़ गई है।
- यूनिवर्सिटी में बड़े फेरबदल की तैयारी?
विश्वविद्यालय प्रशासन में मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में कई बड़े पदों पर बदलाव तय माना जा रहा है।रजिस्ट्रार,कुलसचिव कार्यालय और कुछ अन्य प्रशासनिक पद इन सभी पर नए अधिकारियों की नियुक्ति की संभावनाएँ जताई जा रही हैं। यह भी अंदेशा है कि नई नियुक्तियों का असर राज्य सरकार के स्तर पर होने वाली गवर्निंग बॉडी मीटिंग तक दिख सकता है।
- पद खाली होने से पहले ही लॉबिंग तेज़
रजिस्ट्रार का पद अभी औपचारिक रूप से खाली नहीं हुआ है, लेकिन भविष्य की स्थिति स्पष्ट लग रही है—यही वजह है कि लॉबिंग शुरू से ही आक्रामक स्तर पर देखी जा रही है। जबलपुर कैंपस में लगातार बैठकों-चर्चाओं का दौर चल रहा है और भोपाल मुख्यालय तक कई सिफारिशें पहुँच चुकी हैं।
- यूनिवर्सिटी के लिए अहम क्यों है यह नियुक्ति?
-सभी प्रशासनिक निर्णयों का केन्द्र
-वित्तीय मंजूरियों में महत्वपूर्ण
-भर्ती व नियुक्ति प्रक्रियाओं का संचालन
-अकादमिक शेड्यूल व परीक्षाओं की निगरानी
जैसे बड़े कार्य देखता है। ऐसे में इस पद पर सही चयन यूनिवर्सिटी की कार्यप्रणाली के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। फैकल्टी और प्रशासनिक कर्मचारियों के बीच चर्चाओं का दौर जारी है। सभी की नज़र उस बैठक पर टिकी है जिसमें रजिस्ट्रार पद और निजी सचिव की कार्रवाई पर आधिकारिक निर्णय आने वाला है यूनिवर्सिटी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार,जिस दिन आदेश जारी होगा, उसी दिन से पूरे प्रशासन का संतुलन बदल जाएगा।
