लैंड पुलिंग एक्ट के खिलाफ घेरा डालो, डेरा डालो आंदोलन की योजना तैयार, सरकार के झुकने तक पीछे न हटने का ऐलान
जबलपुर। मप्र सरकार के नए लैंड पुलिंग एक्ट के खिलाफ अब भारतीय किसान संघ खुलकर सामने आ गया है। 10 नवंबर को मालवा प्रांत के सभी जिला केंद्र पर लैंड पुलिंग कानून के खिलाफ ज्ञापन कार्यक्रम होगा, इसके बाद 18 नवंबर से उज्जैन में अनिश्चित काल कालीन ष्घेरा डालो डेरा डालो आंदोलनष् का आगाज किया जाएगा। उक्ताशय की बात आज भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने कही। उन्होंने कहा कि सरकार को वक्त दिया गया था,लेकिन सरकार नहीं झुकी इसलिए अब सरकार को किसानों के हठ का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि निर्णय न होने तक किसान वहीं डटे रहेंगे। श्री आंजना ने कहा कि सरकार की संवाद हीनता के चलते हमारे पास आंदोलन ही समाधान का एकमात्र रास्ता है। संघ ने संकल्प लिया है कि सिंहस्थ क्षेत्र में स्थायी निर्माण नहीं होने दंेगे। श्री आंजना ने कहा कि लैंड पुलिंग कानून का विरोध राजनीतिक मुद्दा नहीं है, यह किसान के अस्तित्व, उसकी पीढ़ियों और उसके स्वाभिमान से जुड़ा प्रश्न बन चुका है । इस विरोध-प्रदर्शन मंे जबलपुर एवं आसपास के जिलों से भी बड़ी संख्या में किसान शामिल होंगे।
-किस बात पर रुष्ट है किसान संघ
अभी हाल ही में जब सरकार ने पीछे के रास्ते से गजट नोटिफिकेशन के माध्यम से सिंहस्थ मेला क्षेत्र में आने वाले किसानों की जमीन अधिग्रहित करने राजपत्र में प्रकाशन करा दिया। साथ ही 1300 किसानों की आपत्ति के निराकरण के कोई दस्तावेज नहीं दिए जा रहे है और ना संभागायुक्त के यहां रिवीजन याचिका ली जा रही हैं जिसके बाद भारतीय किसान संघ ने कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए 17 गांवों के किसानों के बीच किसान संघ के अखिल भारतीय संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी ने दीपावली मिलन में स्पष्ट कहा कि सरकार जब तक लैंड पुलिंग कानून व सिंहस्थ में स्थाई निर्माण पर अपनी राय स्पष्ट नहीं करेगी तब तक सिंहस्थ क्षेत्र में निजी भूमि पर निर्माण नहीं होने दिया जाएगा और किसानों की मातृशक्ति आगे आकर निर्माण कार्य करने से रोकेगी। 18 जिलों की मातृशक्ति ने आकर सिंहस्थ क्षेत्र के किसानों की जमीन छीनने से रोकने में बड़ा समर्थन दिया है जो परिणाम कारी होगा।
-क्या है घेरा डालो, डेरा डालो आंदोलन
भारतीय किसान संघ के महानगर प्रचार प्रमुख मनोज मिश्रा ने बताया कि घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन के तहत उज्जैन के प्रशासनिक भवन में किसान परिवार घेरा डालेंगे और जब तक लैंड पुलिंग कानून की वापिसी का निर्णय नहीं हो जाएगाए तब तक वहीं रहेंगे। वहीं भोजन बनायेंगे वहीं खायेंगे और सोएंगे। जिसमें सभी किसान समाज, उनके परिवार जन, संत समाज एवं अन्य सभी जो भी किसानों को समर्थन करते हैं सभी हजारों की तादाद में शामिल होंगे।
