शहडोल। एमपी के बालाघाट में SIR में लगी महिला अनिता नागेश्वर की मौत के बाद अब शहडोल के सोहागपुर में भी प्राथमिक शिक्षक मनीराम नापित की मौत हो गई। मनीराम शासकीय प्राथमिक शाला ढांप टोला संकुल कोटमा में पदस्थ थे और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान में BLO का दायित्व निभा रहे थे।
बताया गया है कि मनीराम नापित बीती शाम पतेरिया गांव में मतदाताओं से प्रपत्र भरवा रहे थे। इसी दौरान उन्हें एक अधिकारी का फोन आया। फोन रखने के तुरंत बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्होंने तत्काल अपने बेटे आदित्य नापित को फोन पर इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंंचा बेटा आदित्य वाहन में बिठाकर पिता को घर लाया। मनीराम की बिगड़ रही हालत को देखते हुए कार से मेडिकल कॉलेज लेकर गए। जहां पर डाक्टरों ने जांच के बाद मनीराम नापित को मृत घोषित कर दिया। परिजनों ने आरोप लगाया है कि मनीराम नापित की मौत SIR कार्य के अत्यधिक दबाव के कारण हुई है। उनकी पत्नी ममता नापित ने बताया कि उनके पति कई दिनों से भारी दबाव में थे। उन्हें रात-रात भर फ़ॉर्म भरने और उनके डिजिटाइजेशन का काम करना पड़ रहा था। मृतक शिक्षक मनीराम नापित शुगर और बीपी की बीमारी से भी ग्रसित थे। इसके बाद भी उन्हें लगातार फील्ड में जाकर काम करना पड़ रहा था। देर रात तक मोबाइल पर निर्देशों का दबाव भी बढ़ता जा रहा था। बेटे ने यह भी बताया कि उनके पिता कई बार SIR के कारण अत्यधिक दबाव महसूस करने की बात कहते थे। लेकिन अधिकारियों द्वारा उन्हें समय पर कोई राहत नहीं दी गई। मतदाता सूची में नाम जोडऩे, हटाने और फॉर्म के डिजिटलाइजेशन के लिए BLO को लगातार फील्ड में रहना पड़ता है। ऑनलाइन पोर्टल की धीमी गति के कारण उन्हें रात भर काम करना पड़ता था जिससे कार्य का बोझ और बढ़ जाता था।
BLO ने 67 प्रतिशत काम पूरा कर लिया था-
बताया गया है कि मनीराम नापित बूथ क्रमांक 212 के BLO थे, जहां कुल 676 मतदाता पंजीकृत हैं। उन्होंने इनमें से 453 मतदाताओं के फॉर्म डिजिटलाइजेशन का कार्य पूरा कर लिया था। जो कुल कार्य का 67.01 प्रतिशत है। परिवार ने सरकार से मृतक शिक्षक के आश्रितों को सहायता प्रदान करने की मांग की है।
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