बिलासपुर रेल हादसा : AILRSA नाराज, कहा-लोको पायलट को दोषी ठहराना काल्पनिक, सीआरएस को गिनाई समस्याएं

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हुए ट्रेन हादसे की रेलवे की जांच पर आल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) ने सवाल उठाया है। पदाधिकारियों ने रेलवे की जांच और उसमें केवल रनिंग स्टाफ को काल्पनिक रूप से दोषी ठहराने का आरोप लगाया है। उन्होंने बिना फैक्ट फाइंडिंग के जांच रिपोर्ट जारी करने को भी गलत बताया है।

एसोसिएशन ने सीआरएस के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई। साथ ही इस दौरान सेफ्टी से जुड़ी कई समस्याएं गिनाई। इस दौरान सीआरएस ने करीब 40 मिनट तक वन-टू-वन चर्चा की। साथ ही उन्हें दस्तावेज उपलब्ध कराने कहा है। दरअसल, बिलासपुर रेलवे स्टेशन के आउटर में गतौरा-लालखदान के बीच हुए रेल हादसे की जांच के लिए कमेटी बनाई गई थी, जिसमें पांच सदस्य शामिल थे। कमेटी में अलग-अलग विभागों के अफसरों को शामिल किया था। कमेटी ने प्रारंभिक जांच कर रेलवे को अपनी रिपोर्ट दी है। इसमें बताया गया कि हादसे की मुख्य वजह लोको पायलट के सिग्नल ओवरशूट करना था। यानी कि लोको पायलट विद्या सागर को हादसे के लिए दोषी बताया गया। इसके साथ ही कई बिंदुओं पर रिपोर्ट दी गई है।

रिपोर्ट को काल्पनिक बताकर, जताया विरोध

ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) के जोनल महासचिव ने वीके तिवारी ने वरिष्ठ मंडल विद्युत अभियंता(ऑपरेशन) को एक पत्र लिखकर आपत्ति जताई है। इसमें कहा गया है कि बिलासपुर जोन के गतौरा-बिलासपुर सेक्शन में 4 नवंबर को हुए रेल हादसे पर केस स्टडी रिपोर्ट संख्या 18/2025 जारी की गई है, जिस पर एसोसिएशन की आपत्ति है। संगठन का आरोप है कि रिपोर्ट में सिग्नल नंबर की गलत जानकारी दी गई है। साथ ही बिना फैक्ट फाइंडिंग जांच के रिपोर्ट जारी करना गलत है। बिना जांच के रिपोर्ट में रनिंग स्टाफ को दोषी ठहराना अनुचित है। ऐसा करना रनिंग स्टाफ की छवि को धूमिल करता है।

रिपोर्ट पर पुनर्विचार की मांग

संगठन ने बिलासपुर प्रशासन से मांग की है कि रिपोर्ट पर पुनर्विचार किया जाए और फैक्ट फाइंडिंग जांच के बाद ही निष्कर्ष जारी किया जाए। इसी सिलसिले में एसोसिएशन ने शुक्रवार को ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) के दो पदाधिकारियों ने भी सीआरएस बीके मिश्रा से मुलाकात की। उनके नाम सूची में शामिल नहीं थे। जैसे ही वे पहुंचे, बीके मिश्रा ने पूछा कि क्या दुर्घटना से संबंधित कोई जानकारी देना चाहते हैं। इस पर पदाधिकारियों ने कहा कि घटना से संबंधित तो नहीं, लेकिन सेफ्टी से जुड़ी कई समस्याएं हैं। इसके बाद सीआरएस ने लगभग 40 मिनट तक अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा की और उन्हें आज यानी शनिवार को दस्तावेजी सबूतों के साथ दोबारा बुलाया।

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