एमपी : दुर्लभ कछुओं से धनवान बनने की तैयारी : वन विभाग-पुलिस की कार्रवाई, 9 गिरफ्तार

बालाघाट. मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के लांजी में अंधविश्वास की गिरफ्त में आकर धनवर्षा की उम्मीद में कछुओं से तांत्रिक क्रिया करने निकले 9 लोगों को वन विभाग ने गिरफ्तार किया है। टीम ने स्कॉर्पियो से दो जीवित कछुए बरामद किए, जो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची-1 में शामिल अत्यंत संरक्षित प्रजाति है।

बताया जाता है कि वन परिक्षेत्र पश्चिम लांजी की टीम को रविवार 23 नवम्बर की देर रात सूचना मिली थी कि कुछ लोग कीमती वन्यजीव को ले जाकर तंत्र-क्रिया की तैयारी कर रहे हैं। सूचना मिलते ही कोसमारा-लांजी मार्ग पर फौरन नाकेबंदी कर दी गई। तलाशी के दौरान संदिग्ध स्कॉर्पियो (एमपी 39 बीबी 1128) रोकी गई। बैग चेक किए गए तो उनमें दो जीवित कछुए रखे मिले।

पूछताछ में हुआ अहम खुलासा

गिरफ्तारी के बाद जब टीम ने आरोपियों से पूछताछ की तो बोले कि कछुओं से तंत्र कर धनवर्षा कराना चाहते थे। वन विभाग अधिकारियों ने बताया कि इसी तरह के अंधविश्वास के कारण वन्यजीवों की तस्करी और क्रूरता के मामले बढ़ रहे हैं।

9 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार

वन विभाग ने मौके से आशीष मंडलेकर, चैनलाल ठाकरे, कोमल बिसेन, राजाराम मेश्राम, विष्णु बिसेन, राजेश बावने, ससेंद्र चंदेल, दीपक चौहान और श्रीराम नागेश्वर को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपी लांजी और किरनापुर क्षेत्र के रहने वाले हैं।

अपराध बेहद गंभीर

कछुआ अनुसूची-1 के अंतर्गत आता है। ऐसे जीवों का शिकार, परिवहन या व्यापार गंभीर गैर-जमानती अपराध है, जिसमें कठोर सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है। वन विभाग पश्चिम लांजी ने सभी आरोपियों के खिलाफ वन अपराध दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

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