बताया गया है कि छिंदवाड़ा के बिछुआ क्षेत्र में 5 माह की बच्ची की संदिग्ध मौत के बाद जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट हो गया था। जहरीले कफ सिरप की जांच के साथ ही आयुर्वेदिक दवाओं के भी सेम्पल ग्वालियर लैब भेजे गए। रिपोर्ट में सात उत्पाद अमानक पाए गए। इसमें गिलोय सत्व, कासामृत सिरप और कफकुठार रास जैसे व्यापक रूप से उपयोग होने वाले उत्पाद शामिल हैं। जिला आयुष अधिकारी डॉ प्रमिला यावतकर ने आदेश जारी कर जिले के सभी मेडिकल स्टोर्स को दवाओं की बिक्री रोकने और स्टॉक हटाने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि अमानक दवाओं के उपयोग से लोगों की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता हैए इसलिए इनके उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।
ये 7 आयुर्वेदिक दवाएं अमानक पाई गई-
-गिलोय सत्व
कंपनी, शर्मायु जेन्यून आयुर्वेद श्री शर्मा आयुर्वेद मंदिर सिविल लाइन दतिया
-कामदुधा रस, कंपनी शर्मायु जेन्यून आयुर्वेद, दतिया
-प्रवाल पिष्टी,कंपनी श्री धनवंतरी हर्बल यूनिट-2, हिमाचल प्रदेश
-मुक्ता शक्ति भस्म
-कंपनी, श्री धनवंतरी हर्बल यूनिट-2, हिमाचल प्रदेश
-लक्ष्मी विलास रस, कंपनी, डाबर इंडिया लिमिटेड,ए गाजियाबाद
-कफकुठार रस, कंपनी डाबर इंडिया लिमिटेडए गाजियाबाद
-कासामृत सिरप, कंपनी शिवायु आयुर्वेद लिमिटेडए औरंगाबाद