जेनको की बड़ी उपलब्धि: 684 करोड़ की अग्रिम राशि से अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल यूनिटों का मार्ग प्रशस्त

 


कम्पनी ने भेल को सौंपी प्रथम किश्त, परियोजना की प्रभावी तिथि 29 सितंबर 2025 होगी

जबलपुर।मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी (एमपीपीजीसीएल) ने राज्य की ऊर्जा क्षमता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है। कंपनी ने सतपुड़ा ताप विद्युत गृह, सारनी तथा अमरकंटक ताप विद्युत गृह, चचाई में प्रस्तावित 660-660 मेगावाट की दो अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल ताप विद्युत इकाइयों के निर्माण कार्य हेतु भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) को 684 करोड़ रुपये की प्रथम अग्रिम राशि जारी कर दी है। एमपीपीजीसीएल द्वारा 29 सितंबर 2025 को भेल को जारी किए गए नोटिफिकेशन ऑफ अवॉर्ड  के बाद अब यह अग्रिम भुगतान दोनों परियोजनाओं की प्रभावी तिथि भी तय करता है। संविदात्मक शर्तों के अनुसार भेल को निर्माण, परीक्षण और सफल परिचालन सहित सम्पूर्ण कार्य 57 माह (जून 2030) में पूर्ण कर एमपीपीजीसीएल को हस्तांतरित करना होगा।

-पर्यावरण स्वीकृतियों से परियोजना को मिली गति

दोनों इकाइयों के लिए भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से आवश्यक स्वीकृतियाँ प्राप्त हो चुकी हैं। इससे परियोजना क्रियान्वयन में तेजी आएगी। ये दोनों यूनिटें अत्याधुनिक अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल तकनीक पर आधारित होंगी, जो उच्च दक्षता के साथ कम ईंधन में अधिक उत्पादन देने में सक्षम हैं। भेल इन इकाइयों के लिए बॉयलर, टरबाइन, जनरेटर तथा प्रमुख तकनीकी संरचनाओं की आपूर्ति एवं निर्माण का कार्य करेगा। परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन से राज्य की भविष्य की ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति के साथ ही उत्पादन क्षमता का आधुनिकीकरण बेहतर होगा।

Post a Comment

Previous Post Next Post