चेन्नई. तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिले में इतिहास से जुड़ी एक बड़ी खोज हुई है। सोमवार को जलादी पाहाडिय़ों के पास स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर में मरम्मत कार्य के दौरान मजदूरों को मिट्टी के बर्तन में छिपे 103 प्राचीन सोने के सिक्के मिले। यह मंदिर कोविलूर गांव में स्थित है और इसकी पहचान चोल वंश के काल से जुड़ी मानी जा रही है। पुलिस ने बताया कि सिक्कों की बरामदगी के बाद मंदिर परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पोलूर पुलिस थाने के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह खोज सोमवार को उस समय हुई जब मंदिर के गर्भगृह (संक्तम संक्टोरम) की मरम्मत का काम चल रहा था। काम के दौरान मजदूरों को मिट्टी का एक बर्तन मिला, जिसके अंदर से 103 सोने के सिक्के बरामद हुए। तुरंत पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों को सूचना दी गई। बाद में राजस्व विभाग और हिंदू धार्मिक एवं चैरिटेबल एंडोमेंट्स विभाग ने इन सिक्कों को अपने कब्जे में ले लिया।
सैकड़ों साल पुराना है मंदिर का इतिहास और महत्व
पुलिस अधिकारी के अनुसार, यह मंदिर कई सौ साल पुराना है और माना जाता है कि इसे चोल वंश के राजा राजराजा चोलन तृतीय के शासनकाल में बनवाया गया था। चोल काल अपने स्थापत्य, मंदिर निर्माण और कला के लिए प्रसिद्ध रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि मंदिर के गर्भगृह की मरम्मत के दौरान जो मिट्टी का बर्तन मिला, वह संभवत: उस युग का हो सकता है। इस खोज ने इतिहासकारों में नई उत्सुकता जगा दी है।
स्थानीय लोग उत्साहित
स्थानीय लोग इस खोज से उत्साहित हैं और इसे शुभ संकेत मान रहे हैं। वहीं, पुरातत्वविदों का कहना है कि यह खोज तमिलनाडु के प्राचीन धार्मिक और आर्थिक इतिहास को समझने में अहम साबित हो सकती है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि ये सिक्के संभवत: मंदिर में अर्पण किए गए हों या संकट काल में छिपा दिए गए हों। राज्य सरकार ने हिंदू धार्मिक एवं चैरिटेबल एंडोमेंट्स विभाग को निर्देश दिया है कि सिक्कों का वैज्ञानिक परीक्षण कराया जाए और इस खजाने का इतिहास विस्तार से सामने लाया जाए।
