सरकारी स्कूलों में तीन नवंबर से एग्जाम, मास्साब दूसरे काम में झौंके गये

 


अधूरी तैयारी के साथ इम्तिहान देंगे बच्चे, रेमेडियल क्लास का इंतजाम भी हवा-हवाई


जबलपुर। सरकारी स्कूलों में नौवीं से 12वीं तक की छमाही परीक्षाएं तीन नवंबर से आयोजित की जा रही है। इसमें अक्टूबर तक के करीब 70 फीसद पाठ्यक्रम से सवाल पूछे जाएंगे, लेकिन शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाया गया है, इससे कुछ स्कूलों का पाठ्यक्रम करीब 40 से 50 फीसद पूरा हुआ है। स्कूलों में 18 से 23 अक्टूबर तक दीपावली का अवकाश है। इसको देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों को अतिरिक्त कक्षाएं संचालित कर पाठ्यक्रम पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

-कागजों की तैयारी और हकीकत में अंतर

 विभाग ने सरकारी स्कूलों में होने वाली छःमाही परीक्षाओं में पाठ्यक्रम 70 प्रतिशत हिस्सा कवर करने की बात कही थी ताकि विद्यार्थियों की वार्षिक के हिसाब से तैयारी हो सके,लेकिन अधिकांश स्कूल इस लक्ष्य को तय नहीं कर सके। वहीं बोर्ड व वार्षिक परीक्षा फरवरी में होगी। प्रश्नपत्र ईमेल के माध्यम से स्कूलों में भेजे जाएंगे और वहीं से प्रिंट निकालकर विद्यार्थियों में वितरित किए जाएंगे। प्रश्नपत्र बोर्ड के पैटर्न पर तैयार होंगे। रिजल्ट में देखा जाएगा कि जिन सवालों में अधिकांश विद्यार्थी गलती कर रहे हैं, उनके लिए अलग से कक्षा लगाई जाएगी, ताकि वे वार्षिक परीक्षा में इस गलती को न दोहराएं। विद्यार्थियों के लिए रेमेडियल और विशेष कक्षाएं भी लगाई जाएंगी, ताकि वार्षिक परीक्षा के लिए उनकी पर्याप्त तैयारी हो सके।

-विद्यार्थियों को दिखाई जाएंगी उत्तरपुस्तिकाएं

 परीक्षा के दौरान ही उत्तरपुस्तिकाएं चेकिंग का काम भी शुरू हो जाएगा। जिस विषय का पेपर होता जाएगा, उसकी उत्तरपुस्तिकाएं भी जांचनी शुरू कर दी जाएंगी। ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि परीक्षा समाप्ति के दो-तीन दिन के भीतर ही छात्रों को उनकी उत्तरपुस्तिकाएं दिखा दी जाए। अधिकारियों ने बताया कि विद्यार्थियों को कक्षाओं में संबंधित विषय के शिक्षक यह भी बताएंगे कि उन्होंने कहां गलती की है और वार्षिक परीक्षा में इस तरह के प्रश्नों के उत्तर कैसे लिखने हैं।

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