डॉ.शुभम अवस्थी
दीपावली ना केवल प्रकाश और भक्ति का प्रतीक है, बल्कि वह अवसर भी है जब हमारे उपभोग पैटर्न, सामाजिक ज़िम्मेदारियाँ और आर्थिक विकल्प सामने आते हैं। इस पावन अवसर पर एक विचार विशेष महत्वपूर्ण हो जाता है। दिवाली की खरीदारी वहाँ से कीजिए, जहाँ आपकी एक मुस्कान, किसी के आँगन की रौशनी बन जाए। लोकल खरीदिए, दिल से जुड़िए।अर्थात्, इस साल हमें सिर्फ अपने घर नहीं सजाना है, बल्कि उस सजावट से उन हाथों की उम्मीदों को जगाना है, जो मेहनत करते हैं, लेकिन अक्सर नजर अंदाज़ हो जाते हैं।
-त्यौहार और आर्थिक प्रवृत्ति
त्योहारों के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में एक बड़ा उछाल आता है। 2024 की एक सर्वेक्षण रिपोर्ट ने अनुमान लगाया कि शहरी परिवार इस समय लगभग ₹2 लाख करोड़ की खरीदारी कर सकते हैं। Axis My India की रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि 56% परिवार इस वर्ष लोकल विक्रेताओं को प्राथमिकता देना चाहते हैं। त्योहारों का सबसे बड़ा लाभ छोटे और माइक्रो व्यवसायों को मिलता है ,वे बड़ी दुकानों की तुलना में ज्यादा मुश्किल में होते हैं, और उनका अस्तित्व इस खरीदारी पर निर्भर करता है। इन तथ्यों से स्पष्ट है कि लोकल से खरीदने का अर्थ सिर्फ सांकेतिक समर्थन नहीं, बल्कि व्यवसायों को जीवित रखने की एक क्रिया है।
-लोकल खरीदारी क्यों महत्वपूर्ण है?
जब आप स्थानीय दुकानों से खरीदारी करते हैं, तो आप उन दुकानदार, कारीगर, शिल्पकार और उनकी रोज़ी-रोटी में योगदान करते हैं। आपका पैसा स्थानीय अर्थव्यवस्था में वापस आता है किराया, मजदूरी, सामग्री आदि से समुदाय के बीच विश्वास और संबंध मजबूत होते हैं। आप विक्रेता को जान पाते हैं, उनका संघर्ष समझ पाते हैं। लोकल उत्पाद अक्सर हाथों से बनाए जाते हैं। विक्रेता को ग्राहक की प्रतिक्रिया तुरंत मिलती है। व्यक्तिगत सुझाव, समायोजन और सुधार संभव हो पाता है।
-टिकाऊ और पर्यावरण को लाभ
बड़ी कंपनियों की आपूर्ति श्रृंखला में *लंबी दूरी का परिवहन और पैकेजिंग होती है, जो कार्बन उत्सर्जन बढ़ाते हैं। लोकल उत्पाद कम पैकेजिंग उपयोग कर सकते हैं और स्थानीय सामग्री इस्तेमाल करते हैं इसलिए ये अधिक पर्यावरण‑अनुकूल होते हैं।
-चुनौती और मिथक मूल्य अंतर: ब्रांडेड या बड़े स्टोर में डिस्काउंट और ऑफर्स मिलना अपेक्षित है, जिससे लोकल उत्पाद महंगे लग सकते हैं।
विविधता का अभाव: हर तरह का सामान लोकल स्तर पर नहीं मिलता — विशेष उत्पादों के लिए ऑनलाइन या बड़े स्टोर की ज़रूरत हो सकती है।
सुविधा: बड़े स्टोर और ई-कॉमर्स की सुविधा (डिलीवरी, रिटर्न्स, एक ही जगह पर सब कुछ) लोकल दुकानों से आगे हो सकती है।