निधन से पहले असरानी ने अपनी पत्नी के सामने इच्छा जाहिर की थी कि उनकी मौत की खबर किसी को न दी जाए। वो हंगामा नहीं चाहते थे। उन्होंने कहा था कि अंतिम संस्कार के बाद ही सबको इसकी खबर दी जाए। यही वजह रही कि निधन के तुरंत बाद सांताक्रूज के शांतिनगर स्थित श्मशान में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इसमें परिवार के 15-20 लोग ही शामिल हुए। असरानी ने अपने एक्टिंग करियर में करीब 350 फिल्मों में काम किया है। इनमें शोले, अभिमान, चुपके-चुपके, छोटी सी बात, भूल भुलैया शामिल हैं। फिल्म शोले में असरानी का बोला गया डायलॉग हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं काफी हिट रहा।
ये पूरी इंडस्ट्री का नुकसान है- रजा मुराद
असरानी के निधन पर रजा मुराद ने कहा, ये बहुत दुखद समाचार है। मेरे तो उस्ताद रहे हैं। उन्होंने 2 साल पढ़ाया है। नमक हराम में मेरे साथ भी थे। ये बहुत बड़ी क्षति है। मैं कल जाऊंगा उनके घर।
बहुत दुख हुआ, कि वो अब इस दुनिया में नहीं- रमेश सिप्पी
असरानी के निधन पर शोले के डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने कहा, बहुत तकलीफ हुई सुनकर। बहुत प्यारे आदमी थे। पहले तो उन्होंने सीता और गीता में उन्होंने छोटा सा रोल निभाया था। उसके बाद जब शोले के जेलर का किरदार बना, तब हमने उन्हें बुलाया और उन्होंने कमाल कर दिया। उन्होंने रोल इतना अपना लिया था, जैसे वो खुद ही वही कैरेक्टर हैं। मेरे लिए तो बहुत आसान कर दिया उन्होंने। इतना अच्छा कैरेक्टर, इतना अच्छा एक्टर, दोनों का मेल अच्छा हो गया। बहुत दुख हो रहा है इस वक्त यह सुनकर वो अब इस दुनिया में नहीं रहे।