पुलिस को पूछताछ में पीडि़ता सावित्रीबाई ने बताया कि वर्ष 2016 में उसकी शादी पुलिस विभाग में पदस्थ राजीव वर्मा के साथ हुईथी। शादी के बाद से ही पति दहेज के लिए प्रताडि़त करता था। 7 साल अदालत में मामला चला। जब पत्नी होने के नाते 7 हजार रूपए महीने खर्च दिए जाने की बात आई तो वो जज के सामने माफी मांगते हुए समझौते के बाद पति राजीव उसे रीवा लेकर आ गया। न्यायालय ने मेरे पक्ष में फैसला किया था लेकिन इसके बाद भी उसकी हरकतें नहीं बदलीं। मुझसे बोलता था कि अगर तेरे घर वालों ने यहां आने की हिम्मत की तो सबको एम्बुलेंस में भेजूंगा। मैं पुलिस वाला हूं, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। दीवाली के दिन चर्चा के दौरान सावित्री ने पति से मायके पन्ना जाने की जिद की और पूजा का सामान लाने के लिए कहा। इस बात से गुस्साया पति राजीव कमरे में घसीटते हुए ले गया और बंधक बनाकर लाठियों से बुरी तरह पीटा, इसके बाद कमरे में बंद कर दिया। आज वह किसी तरह कमरे से बाहर निकली और बिछिया थाना पहुंचकर पुलिस को घटना की जानकारी दी। जिसपर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।