गार्ड की ट्रेनिंग के बाद कर्मचारियों को वापस सीएंडबलू विभाग भेजा, करा रहे ड्यूटी, पमरे को लाखों का लगा चूना

 
कोटा।
कोटा रेल मंडल में एक बार फिर अजीबोगरीब और विवादास्पद मामला सामने आया है, जिसने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अधिकारियों ने पहले कैरिज एंड वैगन (सीएंडडबलू) विभाग के 6 कर्मचारियों को सरप्लस घोषित किया और उन्हें गार्ड की ट्रेनिंग के लिए उदयपुर भेज दिया। 

अब 3 महीने की ट्रेनिंग पूरी कर वापस आने पर, इन कर्मचारियों को गार्ड के रूप में ड्यूटी देने के बजाय वापस सीएंडडबलू विभाग में लगा दिया गया है। इस फैसले से रेलवे को इन कर्मचारियों की ट्रेनिंग पर खर्च हुए लाखों रुपए का सीधा चूना लगा है, जिससे प्रशासनिक कार्यशैली पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े हो रहे हैं।

स्टाफ का सवाल: क्यों किया गया यह दोहरा रवैया?

कर्मचारियों का कहना है कि जब उन्हें सीएंडडबलू विभाग में ही वापस लगाना था तो उन्हें पहले सरप्लस क्यों किया गया? और यदि सरप्लस कर दिया गया था और ट्रेनिंग पर भेजा गया था, तो अब उन्हें गार्ड की ड्यूटी क्यों नहीं दी जा रही? यह निर्णय रेलवे के संसाधनों की बर्बादी और अधिकारियों की मनमानी को दर्शाता है।

अफसरों ने बनाया था इज्जत का सवाल

 यह पूरा मामला पहले भी काफी चर्चा में रहा था और अब एक बार फिर गर्माया हुआ है। यह सामने आया है कि अधिकारियों ने इस पूरे प्रकरण को अपनी नाक का सवाल बना लिया था। अधिकारियों ने पहले 14 जुलाई को इन 6 कर्मचारियों को सरप्लस कर गार्ड की ट्रेनिंग के लिए लेटर जारी किया। लेकिन, बाद में अधिकारियों ने कर्मचारियों को ट्रेनिंग पर जाने से रोकने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी। उन्होंने अंतिम समय तक भी रोकने की कोशिशें जारी रखीं। यहां तक कि अधिकारियों ने कर्मचारियों को अनुपस्थित बताकर उनके घरों के दरवाजे पर चार्जशीट तक चिपका दी। इन सबके बावजूद, कर्मचारी 16 जुलाई को ट्रेनिंग के लिए उदयपुर पहुँच गए। ट्रेनिंग के दौरान भी अधिकारियों ने उन्हें वापस बुलाने का प्रयास जारी रखा, जिससे परेशान होकर कर्मचारियों की पत्नियों ने डीआरएम से भी शिकायत की थी।

अफसर कर रहे बदले की भावना से काम

 अब उदयपुर से 3 महीने की ट्रेनिंग पूरी कर वापस आने के बाद, कर्मचारियों का आरोप है कि अधिकारियों ने अपनी भड़ास निकालने के लिए उन्हें गार्ड की जगह वापस से सोमवार से सीएंडडबलू विभाग में ड्यूटी पर लगा दिया।

 डीआरएम से मुलाकात होने नहीं दे रहे

 गार्ड की ट्रेनिंग के बावजूद सीएंडडबलू विभाग में वापस लगाने से आक्रोशित कर्मचारियों ने डीआरएम अनिल कालरा से मिलने की कोशिश की, लेकिन काफी प्रयास के बाद भी उनकी मुलाकात नहीं हो सकी है। कर्मचारियों का डीआरएम से मुलाकात न हो पाना मामले में सब कुछ नियम अनुसार नहीं होने की ओर इशारा कर रहा है।


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