जबलपुर। भारतीय आयुर्वेद के महत्व को बताते हुए शनिवार सावित्री सदन में धनवंतरि जयंती मनाते हुए निरोगी काया रखने के लिए आयुर्वेद अपनाने का संकल्प लिया गया है। यह संकल्प नर्मदा परिक्रमा के संयोजक शरद अग्रवाल ने बताया कि भगवान धन्वंतरि पहला सुख निरोगी काया का अमृत कलश लेकर समुद्र मंथन से उत्पन्न हुए थे। धन्वंतरी जयंती पर 78 वर्षों से लगातार सावित्री सदन में मुख्य अतिथि सेवा निविर्त्त हाईकोर्ट जस्टिस श्रवण शंकर झा एवं शरद चंद्र शुक्ला संयोजक शरद अग्रवाल के सानिध्य में भगवान धन्वंतरि का पूजन अर्चन के बाद सम्मान समारोह आयोजित किया गया। मौके पर वैद्ययो ने कहा विश्व में आयुर्वेद की पहचान बनी आज भी जटिल से जटिल बीमारी का इलाज आयुर्वेद में है। कोरोना जैसी महामारी में भी सफल इलाज हुआ। आयुर्वेद की सेवा कर रहे वैद्यों को धनवंतरी बाबा एवॉर्ड से शासकीय सेवा से निवृत वैद्य शरदचन्द्र शुक्ला को सम्मानित किया। मौके पर वैद्य रविंद्र गर्ग, मुन्ना पांडे, सुरेश गोयल, उमेश विश्वकर्मा, ध्रुव यादव, सचिन अग्रवाल, शीर्ष स्पर्श संस्कार उपस्थित थे।
जबलपुर। भारतीय आयुर्वेद के महत्व को बताते हुए शनिवार सावित्री सदन में धनवंतरि जयंती मनाते हुए निरोगी काया रखने के लिए आयुर्वेद अपनाने का संकल्प लिया गया है। यह संकल्प नर्मदा परिक्रमा के संयोजक शरद अग्रवाल ने बताया कि भगवान धन्वंतरि पहला सुख निरोगी काया का अमृत कलश लेकर समुद्र मंथन से उत्पन्न हुए थे। धन्वंतरी जयंती पर 78 वर्षों से लगातार सावित्री सदन में मुख्य अतिथि सेवा निविर्त्त हाईकोर्ट जस्टिस श्रवण शंकर झा एवं शरद चंद्र शुक्ला संयोजक शरद अग्रवाल के सानिध्य में भगवान धन्वंतरि का पूजन अर्चन के बाद सम्मान समारोह आयोजित किया गया। मौके पर वैद्ययो ने कहा विश्व में आयुर्वेद की पहचान बनी आज भी जटिल से जटिल बीमारी का इलाज आयुर्वेद में है। कोरोना जैसी महामारी में भी सफल इलाज हुआ। आयुर्वेद की सेवा कर रहे वैद्यों को धनवंतरी बाबा एवॉर्ड से शासकीय सेवा से निवृत वैद्य शरदचन्द्र शुक्ला को सम्मानित किया। मौके पर वैद्य रविंद्र गर्ग, मुन्ना पांडे, सुरेश गोयल, उमेश विश्वकर्मा, ध्रुव यादव, सचिन अग्रवाल, शीर्ष स्पर्श संस्कार उपस्थित थे।
