स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन योजना के अंतर्गत व्याख्यान,एक्स्पर्ट ने विद्यार्थियों के साथ साझा किए विचार
जबलपुर। अब समय आ गया है,जब हम सतर्कता शब्द के गहन अर्थों की ओर ध्यान दें। सतर्कता अपने निजी जीवन और परिवार के दायरे से बाहर निकालें, इसे सर्वव्यापी बनाएं। सतर्कता का सही अर्थ है, ईमानदारी, पारदर्शिता व जिम्मेदारी। उक्ताशय के विचार आज स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजनाए प्रधानमंत्री कॉलेज आफ़ एक्सीलेंस, शासकीय महाकोशल स्वशासी अग्रणी महाविद्यालय जबलपुर में स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन योजना एवं आईसीएमआर-एनआईआरटीएच जबलपुर के संयुक्त तत्वावधान में सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2025 के अंतर्गत सतर्कता हमारी साझा जिम्मेदारी विषय पर आयोजित व्याख्यान मंे विशेषज्ञों ने बच्चों के समक्ष रखे। आयोजन में आईसीएमआर से डॉ. हर्षवर्धन शिंदे, साइंटिस्ट, दीक्षा सिंह, टेक्निकल असिस्टेंट, तारा आनंद सिंह, टेक्निकल असिस्टेंट, विजय द्विवेदी टेक्निकल असिस्टेंट, तरेंद्र दीगरसे टेक्निकल असिस्टेंट, प्राचार्य डॉ. अलकेश चतुर्वेदी आदि ने संबोधन दिया।
-सामाजिक सरोकार से जुड़े सतर्कता
प्रो. अरुण शुक्ल, संभागीय समन्वयक, स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन योजना, जबलपुर संभाग ने कहा कि देश की असली शक्ति युवाओं में ही निवास करती है। यदि युवा सतर्कता को सामाजिक सरोकार से जोड़ें तो देश और समाज का बहुत कल्याण हो सकता है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे सतर्कता को अपनी जीवन में उतारें। इस अवसर पर डॉ. शिवचंद्र वल्के, डॉ. तरुणेन्द्र साकेत, डॉ. नीलिमा, डॉ. सुनीता सिंह, डॉ. शेलेन्द्र भवदिया डॉ. सुशील ठाकरे के साथ लगभग 145 विधार्थी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
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