मेले में सनी देओल की कीमत 1 लाख 50 हजार रखी गई थी लेकिन सौदा 1 लाख 5 हजार में तय हुआ। शाहरुख खान नाम का गधा 80 हजार में बिका। इधर लॉरेंस विश्नोई नाम के खच्चर की कीमत 1 लाख 25 हजार रुपए तक थी फिर भी उसे कोई खरीददार नहीं मिला। कई अन्य गधों को सलमान, कैटरीना व माधुरी जैसे नाम दिए गए थे, जिन पर खरीदारों ने बोली लगाई।
चित्रकूट में लगता है तीन दिन का मेला-
धार्मिक नगरी चित्रकूट में दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट से मंदाकिनी नदी के किनारे यह तीन दिवसीय मेला लगता है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान व बिहार सहित कई प्रांतों के व्यापारी हजारों की संख्या में गधों व खच्चरों को लेकर यहां पहुंचते हैं। नगर परिषद चित्रकूट द्वारा मेले की औपचारिक व्यवस्था की जाती है।
औरंगजेब के आक्रमण के बाद घोड़े-खच्चर हुए थे बीमार-
इस मेले की शुरुआत मुगल शासक औरंगजेब के जमाने से मानी जाती है। कहा जाता है कि सन् 1670 के आसपास औरंगजेब ने चित्रकूट पर आक्रमण किया था। उसके घोड़े व खच्चर बीमार होकर मर गए थे। तब उसने अपनी सेना के लिए चित्रकूट से गधे और खच्चर खरीदे थे जिससे यह परंपरा शुरू हुई। इस मेले की सबसे रोचक बात यह है कि यहां गधों और खच्चरों को फिल्मी सितारों के नाम से पुकारा और बेचा जाता है। यह अनोखा और ऐतिहासिक मेला अपनी पुरानी परंपरा और रौनक के साथ हर साल सजता है। तब उसने बालाजी मंदिर के निर्माण कार्य के लिए गधों की खरीद की मुनादी करवाई थी। तभी से यह परंपरा दीपावली के समय चित्रकूट में गधों के मेले के रूप में जारी है। रामघाट के पास लगने वाला यह मेला तीन दिन तक चलता है। बताया जाता है कि राजस्थान के पुष्कर मेले के बाद यह देश का दूसरा सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है।