खबर है कि इस मामले में तीन राइस मिलर्स के खिलाफ संबंधित थानों में अपराध दर्ज किया गया है। इनमें खैरलांजी की श्री मातारानी राइस मिल के संचालक विवेक मिश्रा, लांजी चिचोली की मां पूर्णा राइस मिल के संचालक विवेक मस्कर्रे व मां कमला देवी राइस मिल गर्रा के संचालक सुधीर तिवारी तथा प्रतिनिधि विशाल गंगवानी शामिल हैं। इन पर 23.808 क्विंटल धान में गड़बड़ी का आरोप है। जिसकी कीमत 5 करोड़ 47 लाख 58 हजार 331 रुपए है। कलेक्टर के निर्देश पर जिला आपूर्ति अधिकारी इन मिलर्स से राशि वसूलने की तैयारी कर रहे हैं। विभाग के पास इन तीनों राइस मिलर्स की 3.92 करोड़ रुपये की अमानत राशि जमा है। विभाग ने अमानत राशि के रूप में जमा एफडी व बैंक गारंटी की 3 करोड़ 92 लाख 70 हजार रुपए की राशि राजसात करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिला आपूर्ति अधिकारी आरके ठाकुर का कहना कि यदि अमानत राशि राजसात करने के बाद भी मिलर्स पर अधिरोपित शास्ति और पेनाल्टी की वसूली शेष रहती है तो आरआरसी जारी कर भू-राजस्व के बकाया की तरह उनकी चल-अचल संपत्ति की कुर्की व नीलामी कर वसूली की जाएगी। शासन की कस्टम मिलिंग नीति और अनुबंध की शर्तों के अनुसार यदि राइस मिलर द्वारा उठाए गए धान से चावल की प्राप्ति दिनांक से 25 दिनों की अवधि में नागरिक आपूर्ति निगम या भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में चावल जमा नहीं किया जाता है या कम मात्रा में जमा किया जाता है तो 2 रुपये प्रति क्विंटल प्रति दिन की पेनाल्टी लगाई जाएगी। जिले के जिन राइस मिलर्स द्वारा धान उठाव के पश्चात कस्टम मिलिंग का चावल जमा करने में विलंब किया गया है। उन सभी मिलर्स पर भुगतान के समय नियमानुसार पेनाल्टी लगाई जाएगी।