नई दिल्ली. जापान इस समय तेज़ी से फैल रहे फ्लू संक्रमण की चपेट में है। हालत इतनी बिगड़ गए है कि सरकार को देशव्यापी फ्लू महामारी घोषित करनी पड़ी है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देशभर के करीब 4,000 से अधिक मरीज अस्पताल में भर्ती हैं। टोक्यो, ओकिनावा और कागोशिमा क्षेत्र सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं।
तेज़ी से फैलते संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने 130 से अधिक स्कूल, किंडरगार्टन और डे-केयर सेंटर अस्थायी रूप से बंद कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार फ्लू का सीजन सामान्य समय से पांच सप्ताह पहले शुरू हो गया है, जिससे जापान की स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त दबाव बढ़ गया है।
मामले रिकॉर्ड स्तर पर
22 से 28 सितंबर के बीच 4,000 से अधिक मरीजों का इन्फ्लूएंजा इलाज हुआ था, जबकि 29 सितंबर से 5 अक्तूबर के बीच यह आंकड़ा 6,000 पार कर गया। जापान के 47 में से 28 प्रांतों में मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है। विशेषज्ञ इसे एशियाई देशों के लिए भी एक गंभीर स्वास्थ्य चेतावनी मान रहे हैं। होक्काइडो हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर योको त्सुकामोटो के अनुसार, इस साल फ्लू का मौसम बहुत जल्दी शुरू हुआ है। बदलते वैश्विक वातावरण के कारण यह प्रवृत्ति आगे सामान्य हो सकती है।
फिर लौटे कोविड जैसे हालात
अस्पतालों में फिर कोविड-19 जैसी स्थिति बन गई है- बेड की कमी, बढ़ते केस, और बढ़ता डर। ट्रैवल एनालिस्ट एशले हार्वे ने सलाह दी है कि जापान जाने वाले यात्रियों को फिलहाल यात्रा टालनी चाहिए, और यदि आवश्यक हो तो मास्क पहनना व हाथों की स्वच्छता बनाए रखना ज़रूरी है। एशिया के अन्य देशों में भी फ्लू का असर बढ़ रहा है। विशेषज्ञों ने कहा कि जापान की स्थिति से सबक लेकर एहतियाती कदम उठाने की ज़रूरत है।