पुलिस अधिकारियों के अनुसार मंडला के मोहगांव क्षेत्र के जंगल में अप्रेल माह में गोलू नंदा नामक युवक पेड़ पर फांसी के फंदे पर लटकता मिला था। उसवक्त पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद डाक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर आत्महत्या बताते हुए परिजनों को शव सौंप दिया था। जिन्होने गोलू नंदा का अंतिम संस्कार कर दिया, लेकिन परिजन लगातार कह रहे थे कि गोलू ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि हत्या की गई है। उन्होंने पुलिस की शुरुआती जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर संदेह जताते हुए मामले की दोबारा जांच और न्याय की मांग की थी। परिजनों की शिकायत व आशंका को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने एसडीएम की अनुमति प्राप्त की। इसके बाद शव को कब्र से बाहर निकाला गया। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी कर शव को पुन: पोस्टमॉर्टम के लिए जबलपुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। दोबारा डॉक्टरों से जांच की जाएगी जिससे मौत के सही कारणों का खुलासा हो सके।