खबर है कि ग्राम ककई बिल्वा चौरई जिला छिंदवाड़ा निवासी अम्बिका विश्वकर्मा उम्र 3 वर्ष की सितम्बर माह के शुरुआत में तबियत बिगड़ी थी। परिजनों ने स्थानीय स्तर पर इलाज कराया लेकिन कोई सुधार न होने पर परिजनों ने 14 सितंबर को नागपुरा के अस्पताल पहुंचाया। जहां पर डाक्टरों ने जांच के बाद बताया कि किडनी फेल हो चुकी है। करीब एक माह तक चले इलाज के बाद आज बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई। अम्बिका की मौत के साथ ही प्रदेश में इस जहरीले सिरप से मरने वाले बच्चों की कुल संख्या 26 हो गई है। इससे पहले परासिया के मोरडोंगरी निवासी एक वर्षीय गर्विक पवार ने भी नागपुर के मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था।
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