जबलपुर। जो सरकारें आम आदमी तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए करोड़ों खर्च कर रही है,वो डॉक्टरों को सरकारी हॉस्पिटलों में रोकने में नाकाम साबित हो रही हैं। ताजा उदाहरण है जबलपुर का सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल। एक के बाद एक 13 चिकित्सकों के इस्तीफों के बाद उच्च तकनीक और संसाधनों वाला ये अस्पताल अब शो पीस बनता जा रहा है। अलविदा कहने वाले डॉक्टरों की तकलीफ ये है कि ज्वाइनिंग के समय जो वादे किए गए थे, वे पूरे नहीं हुए। यहां से छोड़कर जाने वाले सभी डॉक्टर अभी बड़े निजी अस्पतालों में कार्यरत हैं।
-क्या सोचा था और हुआ क्या
इन अस्पतालों को इसलिए स्थापित किया गया था कि मरीजों को शासकीय अस्पतालों में ही आधुनिक इलाज की सुविधा मिल सके ताकि उन्हें दूसरे राज्यों में इलाज के लिए नहीं जाना पड़े, लेकिन कुछ ही वर्षों में इन अस्पतालों की स्थिति खराब हो गई है। यहां से डॉक्टर तेजी से पलायन कर रहे हैं। डाक्टरों की कमी का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। उन्हें आधुनिक इलाज से वंचित होना पड़ रहा है या फिर इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। डाक्टरों के जाने के कारण संसाधनों की कमी, प्रमोशन का न होना, बेहतर अवसर, कम वेतन आदि बताए गये हैं। आधे से ज्यादा विभाग अधूरे स्टाफ के भरोसे चल रहे हैं। इससे सबसे ज्यादा परेशानी कैंसर, न्यूरो, कार्डियक जैसी गंभीर बीमारियों के मरीजों को हो रही है। कई बार मरीजों को कहा जाता है कि विशेषज्ञ उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए उन्हें बाहर इलाज करवाना पड़ता है।
-कवायद जारी पर नतीजे सिफर
स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार, कई बार डॉक्टरों के इस्तीफे होते हैं और उनकी जगह नए चिकित्सक आ जाते हैं,लेकिन सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के मामले में डॉक्टर आ ही नहीं रहे हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार कोशिश नहीं कर रही है या फिर विभाग बेफिक्र है, दोनों स्तरों पर कवायद की जा रही है,लेकिन डॉक्टर तैयार नहीं हो रहे हैं। उधर, डॉक्टरों का कहना है कि इस श्रेणी के हॉस्पिटल में नियुक्ति के वक्त जो आश्वासन दिए गये थे, वे सरकार द्वारा पूरे नहीं किए गये।
- ये छोड़ गये सुपर स्पेशिएलिटी जबलपुर
- डॉ. ब्रह्म प्रकाश (पुलमोनरी मेडिसिन)
- डॉ. अविनाश जैन (पुलमोनरी मेडिसिन)
- डॉ. विकास पटेल (पुलमोनरी मेडिसिन)
- डॉ. ऋषि गौतम (पुलमोनरी मेडिसिन)
- डॉ. मृत्युंजय सिंह (पुलमोनरी मेडिसिन)
- डॉ. पवन तिवारी (पुलमोनरी मेडिसिन)
- डॉ. अमरेंद्र शुक्ला (पुलमोनरी मेडिसिन)
- डॉ. जितेंद्र शाक्य (न्यूरोसर्जरी)
- डॉ. दीपक सुल्य (सीटीवीएस)
- डॉ. अर्पण
- डॉ. स्वामी (न्यूरोसर्जरी)
- डॉ. अंबुज (न्यूरोसर्जरी)
- डॉ. प्रशांत पटेल (यूरोलाजी)