जबलपुर। पांच महीने से थमी शहनाइयों की गूंज अब फिर से बजने की तैयारी में है। 6 जुलाई से चातुर्मास लगने से मांगलिक कार्यों पर विराम लग गया था। अब 1 नवंबर को देव प्रबोधिनी एकादशी से फिर ब्याह का श्रीगणेश होगा। 117 दिनों बाद फिर विवाह का शुभ काल लौटेगा। इसके लिए शहर के मैरिज हॉल, गार्डन, विवाह भवनों, डीजे-बैंड वालों और कैटरर्स की पहले से ही बुकिंग हो चुकी है। विवाह वाले परिवारों में तैयारियों की हलचल शुरू हो चुकी है। घर-घर में निमंत्रण छपने और खरीदारी के दौर भी जारी है। पुजारियों के अनुसार नवंबर और दिसंबर में विवाह समारोह होंगे। 1 नवंबर को देवउठनी एकादशी के साथ देवता जाग्रत होंगे और विवाह-शुभ कार्यों का आरंभ होगा। वर्ष 2026 में 25 जुलाई से चातुर्मास शुरू होगा, जो 20 नवंबर तक जारी रहेगा।
-कब-कब रहेंगे शुभ मुहूर्त
-नवंबर में विवाह का सिलसिला 15 दिनों का ही रहेगा। 2, 3, 5 (कार्तिक पूर्णिमा), 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25 और 30 नवंबर को विवाह योग्य मुहूर्त रहेंगे।
-दिसंबर में केवल 4, 5 दिसंबर और 6 दिसंबर को ही शुभ दिन रहेंगे। फिर 16 दिसंबर से मलमास (अधिमास) की शुरुआत होगी, जो 14 जनवरी 2026 तक चलेगा।
-12 दिसंबर से शुक्र अस्त हो जाएगा, 1 फरवरी 2026 को उदय होगा। इस दौरान 51 दिनों तक विवाह और अन्य मंगल कार्य स्थगित रहेंगे।
23 जनवरी 2026 को बसंत पंचमी का अबूझ मुहूर्त रहेगा। इस दिन बिना पंचांग देखे भी विवाह व शुभ कार्य करना शुभ माना जाएगा।
-वर्ष 2026 में माह वार विवाह मुहूर्त
-जनवरी -23, 25, 28
-फरवरी - 3, 6, 9, 12, 19, 20, 26
-अप्रैल - 15, 20, 21, 25, 26, 27, 29
-मई - 6, 13, 23, 25, 26, 28, 29
-जून - 1, 2, 4, 5, 11, 19, 21, 28
-जुलाई - 7, 16
नवंबर - 20, 25, 26
दिसंबर - 3, 4 (जानकारी पंडितों के अनुसार)